CHO के रिक्त पदों को रिकाउंसलिंग कर भरें
अगस्त महीने में उत्तराखंड में CHO (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) के 300 पदों पर भर्तियां निकाली गयी थी, जिन्हें एनएचएम करा रहा था। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगें गये जिसमें उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के लगभग 12 हज़ार अभ्यर्थियों ने आवेदन किये। हालांकि उत्तराखंड क्रांति दल ने शुरू से ही इस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिये थे। ऑनलाइन आवेदन के बाद एनएचएम द्वारा 27, 28 एवं 29 सितंबर को देहरादून में काउंसलिंग रखी गयी, जिसमें 600 अभ्यर्थियों को बुलाया गया।
ततपश्चात 185 लोगों का ही चयन हो पाया। अब ऐसे में सबसे अहम सवाल यह खड़ा होता हैं कि, 12,000 आवेदनों के बाद भी आखिर 115 पद कैसे रिक्त रह गए?
साथ ही वेटिंग लिस्ट में रखें गए अभ्यर्थियों से जो एक लाख तीन हज़ार चार सौ रुपये के ड्राफ़्ट लिए गए जिनका चयन नहीं हुआ उनके ड्राफ्ट अबतक वापस क्यों नही किये गए?
इस भर्ती के लिए उक्रांद ने कुछ सवाल खड़े किए हैं जैसे
● CHO फॉर्म भरते वक्त प्रमाण पत्र स्केन क्यों नही कराए गए?
● CHO के विज्ञापन में भर्ती प्रक्रिया किस आधार पर होगी(लिखित परीक्षा आधार या मेरिट आधार)स्पष्ट क्यों नही किया गया?
● 2002 में जन्में अभ्यर्थी को योग्य उम्मीदवार की लिस्ट में क्यों डाला गया?
● प्रत्येक वर्ष भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से होती थी परंतु इस बार बिना बतायें मेरिट के आधार पर भर्ती क्यों करायी गयी जबकि कोविड 19 के समय अन्य सभी परीक्षाएं हो रही हैं?
● 300 CHO के पदों पर विज्ञप्ति निकाली गयी और काउंसिलिंग में 185 पद ही भरें गए बाकी 115 पदों पर नियुक्ति क्यों नहीं हुई जबकि आवेदन 10000 से अधिक अभियर्थियों ने किया था?
● अन्य राज्यों ( राजस्थान,असम,मध्यप्रदेश आदि)में उसी राज्य के रजिस्टर काउंसिल में अभ्यर्थी का पंजीकरण अनिवार्य हैं जबकि इस भर्ती में अन्य राज्यों के अभियर्थियों (जिनका पंजीकरण उत्तराखंड रजिस्टर काउंसिल में नही हैं)को भी भर्ती में सम्मलित होने की छूट दी गयी क्यों?
● यदि भर्ती प्रक्रिया लिखित परीक्षा के माध्यम से नही करानी थी तो अभियर्थियों को वर्षवार (सीनियरटी) नियुक्ति क्यों नहीं दी गयी?
● रिक्त 115 पदों पर चयन के लिए काउंसिलग कब रखी गयी हैं इसकी जानकारी सार्वजनिक अब तक क्यों नहीं करी गयी?
● चयन के लिए भर्ती प्रक्रिया में हाईस्कूल एवं इंटर के प्रतिशत अंको को क्यों जोड़ा गया एवं इस आधार पर मैरिट लिस्ट क्यों बनायी गयी जबकि उत्तराखंड में नर्सिंग के सभी पदों की भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ़ नर्सिंग कोर्स के प्रतिशत अंको के आधार पर ही चयन होता आया हैं?
● CHO की इस भर्ती में पुरुषों का कितना प्रतिशत आरक्षण था यह स्पष्ट क्यों नही किया गया?
● जिन अभ्यर्थियों का चयन नहीं हुआ अबतक उनके ड्राफ़्ट वापस क्यों नहीं किये गए।
उक्रांद युवा प्रकोष्ठ के प्रवक्ता कार्तिक उपाध्याय का कहना हैं कि, एनएचएम के रिक्त रहें 115 पदों को जल्द से जल्द रीकाउंसलिंग के माध्यम से भरें। ताकि पुनः भर्ती के लिए बेरोजगारो को इंतजार न करना पड़े और पुनः भर्ती प्रक्रिया में होने वाले व्यय से भी बचा जाएँ। साथ ही जल्द से जल्द अभियर्थियों के ड्राफ़्ट वापसी किये जायें।
उक्त मामले में उक्रांद नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि, वह जल्द ही इस संदर्भ में एनएचएम निदेशक से मुलाकात करेंगे एवं रिकाउंसलिंग के माध्यम से रिक्त पदों पर चयन के लिए बात करेंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उक्रांद अभ्यर्थियों के साथ मिलकर आंदोलन एवं संघर्ष का रास्ता चुनेगा।
वैसे सही भी यही हैं कि, राजस्व बचाने एवं रिक्त पदों पर जल्द चयन के लिए रीकाउंसलिंग का रास्ता अपनाया जाएं इससे अर्थ एवं समय दोनों बचेगा।