पुरोला।
नीरज उत्तराखंडी
आरक्षित वन क्षेत्र में बगैर वन विभाग की अनुमति के निर्माण दाई एजेंसी द्वारा सड़क चौड़ी- करण व पुल दिवाल आदि निर्माण कार्य के दौरान किए जा रहे अवैध खनन को रोकने को लेकर वन विभाग ने ठेकेदार एवं कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए एक जेसीबी व पोकलेन मशीन सीज कर वन अधिनियम की धाराओं में ठेकेदार व कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
गुरूवार को उप वन संरक्षक टौंस वन प्रभाग कुंदन कुमार ने पुरोला रेंज के अन्तर्गत नौरी अनुभाग बीट में पुरोला-कुमोला- नोरी-गडोली पीएमजीएसवाई के मोटर मार्ग चौड़ी करण एवं पुल दिवाल निर्माण में आरक्षित वन नोरी कंपार्टमेंट सख्या 10 एवं 7 में बगैर अनुमति चौड़ी करण व अवैध खनन कर पत्थरो का अभिवहन की शिकायत पर वन क्षेत्राधिकारी को मय टीम के मौके पर भेजा एंव निर्माण कार्य संब॔धित दस्ताबेज मांगनें पर ठेकेदार व वन कर्मियों के बीच नोंकझोंक होती रही है।
बाद में देर सांय तक कार्यदाई संस्था पीएमजीएसवाई एवं ठेकेदार वन आरक्षित क्षेत्रांतर्गत सड़क चौड़ीकरण व निर्माण संबंधित अनुमति पत्र उपलब्ध नहीं करा पाया तो देर सांय डीएफओ के निर्देश पर वन अधिनियम की कई धाराओं में ठेकेदार व एवं एमएनआर कंस्ट्रक्शन कंपनी रिस्पना ब्रिज हरिद्वार रोड एवं अन्य के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर जेसीबी पोकलेन मशीन सीज कर दी गई।
उप वन संरक्षक टौंस कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि क्षेत्र में जारी अधिकांश सड़क चौड़ीकरण,पुल निर्माण आदि कार्यों में संबंधित विभाग बगैर अनुमति के वन आरक्षित क्षेत्रों में खनन पत्थर परिवहन निरंतर जारी हैं,गुरूवार को भी प्रभाग के नोरी वीट में कुमोला-नोरी व गडोली मोटर मार्ग पर बगैर विभागीय अनुमति के अबैध खन्न एंव सड़क कटिंग करनें की शिकायत मिली। रेंज अधिकारी के साथ मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के साथ काफी देर तक नोंक-झोंक होनें व अनुमति दस्तावेज न दिखानें पर ठेकेदार समेत एमएनआर कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध वन अधिनियम की धारा 2,26,41,42 व 52 के तहत
राजिवाद जारी कर विधिक कार्यवाही शुरू की गई है साथ ही जेसीबी व पोकलेन मशीन को सीज कर दिया गया है।
————-क्या कहना है ठेकेदार व कार्यदाई संस्था का
उधर कार्यदाई संस्था पीएमजीएसवाई एवं ठेकेदार गंभीर चौहान का कहना है कि कुमोला-नोरी-गडोली सड़क निर्माण दो दशक पूर्व हो चुका है अब केवल पूर्व में स्वीकृत सात मीटर तक ही अनुमति के आधार पर चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है कहा कि गुरुवार को रेंज अधिकारी वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंच कर गाली-गलौज व मारपीट कर मजदूरों को उठाकर वन विभाग कार्यलय लेकर आये साथ ही जेसीबी पोकलेन मशीन सीज कर वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में राजिवाद दर्ज कर दिया साथ ही जनहित के विकास कार्यों में व्यवधान उत्पन्न कर दिया।
वहीं दूसरी ओर बगैर वन विभाग की अनुमति के नोरी –गडोली मोटर मार्ग में अवैध खन्न एवं चौड़ीकरण को लेकर वन विभाग की कार्यवाही के विरोध में शुक्रवार को नोरी,गडोली,पुजेली एवं क्षेत्र के ग्रामीणों ने वन विभाग पर तानाशाही,मारपीट एवं विकास विरोधी का आरोप लगा जुलूस प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी देवानंद शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जा कर डीएफओ व रेंज अधिकारी के स्थानांतरण की मांग की।
ज्ञापन में कहा गया है दो दशक पूर्व बनी पुरोला-नोरी-गडोली
मोटर मार्ग डामरीकरण,पुल निर्माण एवं चौड़ीकरण को लेकर शासन ने 9 करोड़ रुपए स्वीकृत किए तथा पीएमजीएसवाई ने निविदाओं के बाद दो सप्ताह पूर्व चौड़ीकरण कार्य भी शुरू कर दिया वहीं गुरूवार को वन आरक्षित क्षेत्र में अवैध खन्न व बगैर अनुमति चौड़ीकरण की एक शिकायत पर वन विभाग ने गुरुवार को मौके पर जाकर जहां सड़क निर्माण कार्य रूकाया वहीं मजदूरों व ठेकेदार के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज कर जेसीबी व पोकलेन मशीन सीज कर क्षेत्र के विकास अवरूद्ध कर दिया।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने रेंज अधिकारी एवं वन विभाग की टीम पर तानाशाही,जन व विकास विरोधी का आरोप लगाया व दो दशक पूर्व बनी पुरोला-नोरी-गडोली सड़क चौड़ीकरण को 20 वर्ष बाद वन विभाग से अनुमति को हास्यास्पद बताया।
ज्ञापन में ठेकेदार व मजदूरों ने रेंज अधिकारी व वन कर्मियों पर मारपीट गाली-गलौज का आरोप लगाया तथा नोरी गांव से कुमोला रोड,मुख्य बाजार,बस स्टैंड,तहसील तक जुलूस तथा प्रर्दशन कर डीएफओ,रेंज अधिकारी के तत्काल तबादलें की मांग की।
ज्ञापन पर गंभीर चौहान,बीरेंद्र चौहान, राहुल सिंह,गोविंद
राम नौटियाल,सोवेंद्र रावत,कुलदीप नेगी,दीपक नौडियाल व
प्रवीण नेगी,पूलम समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।