कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड में कुमाऊँ के सबसे बड़े सुशील तिवारी अस्पताल में महज नौ वर्षों में तेरह हजार एक सौ सतासी(13,187)मौतें हो चुकी हैं, जबकि इतने ही समय में यहां लगभग साठ हजार(60,000)टूटी हड्डियों पर प्लास्टर लगाया जा चुका है। अस्पताल में मरीजों की सेवा के लिए सरकार ने अरबों रुपये भी खर्च कर दिए हैं।
हल्द्वानी निवासी आर.टी.आई.कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने कुमाऊं के द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल(एस.टी.एच.)में सूचना का अधिकार लगाकर राज्य बनने से आज तक हुई मौतों, टूटी हड्डी और आय व्यय का खर्च मांगा।
अस्पताल ने आठ मई 2019 को अपने जवाब में बताया कि पिछले नौ वर्षों में अस्पताल में कुल 13 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इसके अलावा अस्पताल में हर रोज 15 से 20 टूटी हड्डियों में प्लास्टर लगाए जाते हैं।
सूचना में बताया गया है कि मई 2010 से अप्रैल 2019 तक 13,187 मौतें हैं।
वर्ष 2010 के आठ माह में 815 मौतें हुई थी जबकि सबसे ज्यादा 1784 मौतें 2015 में हुई थी।
वहीं जनवरी 2019 से 30 अप्रैल तक कुल 490 मौतों ने कई परिवारों की खुशियों को वीरान कर दिया है। सूचना में कहा गया है कि हड्डी ठीक कराने का बिल मरीज स्वयं कैश काउंटर में जमा करता है।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत कहा गया है की वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2018-19 तक शासन द्वारा प्राप्त बजट, निम्नवत खर्च किया गया है ।
आवंटित बजट 2010 से 2019 तक :- ₹6,16,30,54,707/=(छह अरब, सोलह करोड़, तीस लाख, चववन हजार और सात सौ सात रुपया)
कुल व्यय :- ₹5,00,88,97,563/=(पांच अरब, अट्ठासी लाख, सतानब्बे हजार और पांच सौ तिरसठ)