स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता प्रभात बोरा के साथ पिथौरागढ़ कोतवाली में अभद्रता करने वाले कोतवाल रमेश तनवार मामले में जांच पूरी होने तक रमेश को लाइन हाजिर रखने और अधिवक्ता व उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है । खंडपीठ ने पुलिस विभाग से तीन सप्ताह में विस्तृत जाँच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने को कहा है।
गुरुवार को अधिवक्ता प्रभात बोरा, उच्च न्यायालय बार के अध्यक्ष अवतार सिंह रावत और महामंत्री विकास बहुगुणा अन्य अधिवक्ताओं के साथ मुख्य न्यायाधीश से मिले । उन्होंने पिथौरागढ़ के कोतवाल का एक वीडियो न्यायालय को दिखाया जिसमें कोतवाल अधिवक्ता प्रभात बोरा के साथ अभद्रता और मारपीट करता दिख रहा है ।
अधिवक्ताओं की तरफ से कहा गया कि प्रभात किसी केस के सिलसिले में कोतवाली पिथौरागढ़ गए हुए थे। इस बीच गाड़ी की पार्किंग को लेकर उनके और कोतवाल के बीच बात हुई । अधिवक्ता ने जब कोतवाल से ढंग से बात करने को कहा तो उन्होंने गाली गलौच और मारपीट शुरू कर दी और उन्हें धक्के मारकर कोतवाली से बाहर निकाल दिया। जब उनके द्वारा इसकी शिकायत एसपी सुखबीर सिंह से की गई तो कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया।
इसपर न्यायालय ने बार एसोसिएशन को मुकदमा दाखिल करने को कहा । आज मामले में सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सबसे पहले अधिवक्ता और उसके परिवार को संपत्ति समेत सुरक्षा देने को कहा । इसके बाद न्यायालय ने कोतवाल को जांच पूरी होने तक लाइन हाजिर रखने के आदेश दिये । न्यायालय ने पुलिस विभाग से भी तीन हफ्ते के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने को कहा है ।