प्रदेश में 8 आयुर्वेदिक कॉलेजों की मान्यता रद तो हो ही गई थी, अब इनको हाईकोर्ट से भी तगड़ा झटका लगा है।
प्रदेश के कई आयुर्वेदिक कॉलेज तथा एक होम्योपैथिक कॉलेज की मान्यता रद्द हो चुकी है।
इससे आयुर्वेदिक चिकित्सक बनने के इच्छुक प्रदेश के युवाओं के सपनों को झटका लगा है।
यह आयुर्वेदिक कॉलेज मान्यता समाप्त किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट गए थे लेकिन हाईकोर्ट से भी इन्हें राहत नहीं मिली।
गौरतलब है कि भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) ने मानक पूरे न करने के कारण इनकी मान्यता समाप्त की है।
इन कॉलेजों में फैकल्टी की कमी के साथ-साथ सुविधा संसाधनों का भी काफी अभाव था।
इनकी मान्यता समाप्त
गौरतलब है कि उत्तरांचल आयुर्वैदिक कॉलेज देहरादून, हरिद्वार आयुर्वेदिक कॉलेज हरिद्वार, बीहाइव आयुर्वेदिक कॉलेज, शिवालिक आयुर्वैदिक कॉलेज देहरादून, श्रीमती मंजरी देवी आयुर्वेदिक कॉलेज उत्तरकाशी, देवभूमि आयुर्वेदिक कॉलेज देहरादून, विशंभर सहाय ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट रुड़की की मान्यता समाप्त की गई है।
इसके साथ ही परम होम्योपैथी की भी मान्यता समाप्त की जा चुकी है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में लिखा कि निरीक्षण के दौरान इन कॉलेजों में कुछ कमियां पाई गई थी, जैसे कि टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की कमी और सेंट्रल रिसर्च लैबोरेट्री सहित इंस्ट्रूमेंट और अन्य संसाधनों की भी काफी कमी थी, साथ ही एनिमल हाउस जैसी व्यवस्थाएं भी इन कॉलेजों में नहीं थी, जिसके कारण इनकी मान्यता समाप्त की गई।