कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के पंचायती राज एक्ट में भारी खामियां देखते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से चुनावी प्रणाली पर स्पष्ट कानूनी प्रावधान के बारे में दिए जाने वाले दिशा निर्देशों के बारे में बताने को कहा है।
अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि देहरादून के नरेंद्र नगर निवासी विपुल जैन ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर पंरचायती राज चुनावों में ब्लाक प्रमुख और ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में प्रचलित भ्रष्टाचार पर मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है।
त्रिस्तरीय पंचायतीराज अध्यक्ष के चुनाव में सदस्यों को लुभाने के लिए सैर सपाटे और धन बल के प्रयोग पर होने वाली अनियमितता पर जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई करते हुए आज न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार द्वारा पैसे के रोकथाम पर ज़रूरी कदम न उठाने को बहुत गम्भीरता से लिया है। खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार को रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार से चुनावी प्रणाली पर स्पष्ट कानूनी प्रावधान(जिससे चुनावी प्रक्रिया को चुनौती दी जाती है)और उसके द्वारा निर्मित दिशा निर्देश बताने को कहा है।