अनुज नेगी
कोटद्वार। कोटद्वार में खनन माफियाओं और वन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के कारण सिम्बलचौड सुखरो पुल के दो पिलरों का संतुलन बिगड़ गया है।जिसके कारण पुल के बीचों बीच दरार पड़ गई है।
कोटद्वार भाबर क्षेत्र की लाइफ लाइन कहने कहलाए जाने वाला सुखरौ नदी के ऊपर बना पुल अवैध खनन की भेंट चढ गया। अचानक ही पुल का एक पिलर लगभग 10 इंच नीचे धंस गया, जिससे ऊपर दरार आ गई।
पुल पर दरार पड़ने की सूचना मिलते ही उच्च अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जेसीबी लेकर नदियों में उतर गए और पानी को डायवर्ट करने लगे। वहीं अधिकारियों का कहना है कि दरार की स्थिति देखते हुए पुल के दोनों तरफ से आवाजाही बंद कर दी गई है।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल भाबर क्षेत्र को जोड़ने की लाइफ लाइन है मगर सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा रिवर ट्रेनिंग के नाम पर इस पुल के नीचे अवैध खनन करवाया गया, जिस वजह से आज यह पुल ढहने की कगार पर है।आज भी ट्रैक्टर ट्रॉली वाले रोज इस पुल के आसपास अवैध खनन करते हैं।
शिकायतों के बाद भी अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती अगर अधिकारियों ने इन शिकायतों का संज्ञान लिया होता तो आज यह पुल टूटने के कगार पर ना होता। हमारी मांग है कि लापरवाह इन उच्च अधिकारियों और अवैध खनन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
वही सूत्रों का कहना है कि खनन माफिया वन विभाग और प्रशासन को मोटी रकम अदा करते है।जिसके कारण खनन माफिया दिन रात खनन करते रहते है।