उत्तराखंड में मात्र दो ही होम्योपैथिक कालेज है।
कुलदीप एस राणा
उत्तराखंड राज्य में आयुष शिक्षा की स्थिति दिन प्रति दिन दयनीय होती जा रही है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अंतर्गत सेंट्रल कॉउन्सिल फ़ॉर होमियोपैथी ने सत्र 2019-20 के लिए सूबे के दो होम्योपैथिक कॉलेज की बीएचएमएस की सीटों के आवंटन को रद्द कर दिया है।
उधमसिंह नगर स्थित चंदोला होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवम हॉस्पिटल व देहरादून डोईवाला स्थित परम हिमालया होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज उत्तराखंड में मात्र यह दो ही होम्योपैथिक कालेज है। उक्त दोनों कालेज के अतिरिक्त राज्य में राजकीय व निजि क्षेत्र में कोई भी होम्योपैथिक मेडिकल कालेज नही है । दोनों कालेज को अभी तक बीएचएमएस कुल 110 सीटे आवंटित थी जो अब अग्रिम सत्र के लिए रद्द कर दी गयी है। कालेजों की मान्यता रद्द हो जाने से उत्तराखंड में होम्योपैथिक चिकित्सा शिक्षा का भविष्य गर्त में जाता प्रतीत हो रहा है। दोनो उत्तराखंड आयुर्वेद विवि से एफिलेटेड संस्थान रहे है।
कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विवि डॉ अभिमन्यु कुमार ने बताया कि पिछले सत्र में भी एक ही संस्थान को मान्यता मिली थी सत्र 2019-20 के लिए दोनो संस्थान की मान्यता रद्द हो जाने से विवि सिर्फ आयुर्वेद व यूनानी कोर्स में दाखिले हेतु ही कॉउंसलिंग करेगा। कॉउन्सिल द्वारा संस्थानों की मान्यता रद्द करने के पीछे कालेजो के मानकों का पूर्ण न होना पाया गया है।