यूकेडी के बैनर तले महिलाओं ने सरकार के खिलाफ देर तक जमकर नारेबाजी की। इस दौरान भारी पुलिस बल मौके पर जमा रहा।
शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि, शराब की दुकान दो दिन मे नही हटाई गयी तो बुधवार को शाम चार बजे से दुकान के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि, एक तो शराब की दुकान के दाहिनी तरफ दो प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान है। दूसरा शराब की दुकान के बाई तरफ दो धार्मिक स्थल है। इसके अलावा शराब की दुकान के आगे से गुजरने वाली सड़क काफी संकरी है और ट्रैफिक का काफी दबाव रहता है।
यूकेडी जिला अध्यक्ष केंद्रपाल सिंह तोपवाल ने कहा कि, शराब की दुकान जिस भूमि पर बनी है उसका लैंड यूज़ कृषि है या कमर्शियल है इस पर सवाल खड़े हो रहे है।
युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष अंकित घिल्डियाल ने बताया कि, यूकेडी कई दिन से ठेके को अन्यत्र शिफ्टिंग की मांग कर रही है। यूकेडी इस बारे में उपजिलाधिकारी और कोतवाल को भी ज्ञापन दे चुके है।
यूकेडी नेता प्रमोद डोभाल ने कहा कि, शराब की दुकान का निर्माण का नक्शा पास किए हुए हैं या नहीं, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बीना नेगी ने कहा कि, यदि दो दिन मे शराब की दुकान नहीं हटी तो बड़ा जन आंदोलन होगा।
निर्मला भट्ट और तारा देवी ने कहा कि, शराब की दुकान को अग्निशमन की अनापत्ति भी सवालों के घेरे में है।
ग्रामीणों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए शराब के ठेके के पास लोकतांत्रिक तरीके से कोविड-19 पालन करते हुए जमकर विरोध जताया।
आंदोलन में उत्तराखंड क्रांति दल की वार्ड अध्यक्ष निर्मला भट्ट, तारा देवी , बीना देवी, जी एस गुसाईं, धर्म वीर गुसाईं, अवतार सिंह, अरविंद बिष्ट, अनदीप सिंह नेगी, जय जोशी, सुबोध नौटियाल, पंकज नौडियाल, सार्थक सेमवाल , ओम उपाध्याय, राम वर्मा,सुरुचि सेमवाल, दीपा देवी, कमला नौटियाल, मोहन जारा खान, प्रीति ,शाहिदा खातून , किरण, पुष्पा चौहान, उर्मिला, कविता, रुकमणी जोशी, माखी देवी, आनंदी बर्थवाल, मधु गुसाईं, शोभा कुमाई, पार्वती देवी, सुलोचना कुमार, अहिल्या, कांति देवी, उषा चौहान, शबनम अली सहित सैकडों महिलाएं और पुरुष शामिल थे।