देहरादून: राजधानी दिल्ली से एक दुखद खबर सामने आई है। भारतीय विदेश सेवा (IFS) के वरिष्ठ अधिकारी जितेंद्र रावत ने आत्महत्या कर ली। वह चाणक्यपुरी स्थित विदेश मंत्रालय (MEA) के आवासीय परिसर की चौथी मंजिल से कूद गए। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से तनाव से जूझ रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था।
घटना के समय मां थीं साथ, पत्नी और बच्चे देहरादून में
घटना के समय उनकी मां ही उनके साथ मौजूद थीं, जबकि उनकी पत्नी और दो बच्चे देहरादून में रहते हैं। पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारणों की जांच कर रही है और उनके करीबी लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है।
कोई सुसाइड नोट नहीं मिला
जांच अधिकारियों के अनुसार, जितेंद्र रावत के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। वह MEA की आवासीय बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर रहते थे, लेकिन उन्होंने चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।
2011 बैच के थे आईएफएस अधिकारी
जितेंद्र रावत 2011 बैच के IFS अधिकारी थे और उनकी उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच बताई जा रही है। उनके निधन की खबर से विदेश मंत्रालय और उत्तराखंड के प्रशासनिक हलकों में शोक की लहर है।
हमेशा सकारात्मक रहते थे जितेंद्र रावत
उनके साथ प्रशिक्षण लेने वाले उत्तराखंड के अधिकारियों का कहना है कि जितेंद्र रावत बेहद जिंदादिल और सकारात्मक व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उनकी आत्महत्या की खबर से उनके सहयोगी और जानने वाले स्तब्ध हैं।
पुलिस जांच में जुटी
दिल्ली पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। आत्महत्या के पीछे की वजह व्यक्तिगत या पेशेवर तनाव हो सकता है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है।