ब्रेकिंग- राजकुमार सिंह परिहार
जिला पंचायत बागेश्वर पिछले 60 दिनों से लगातार धरने को लेकर चर्चाओं पर बनी हुई है वहीं आज एक बार फिर एक नए मुद्दे ने जन्म लिया है। न अपर मुख्य अधिकारी, न कार्यधिकारी फिर भी हुई नीलामी समिति गठित। वाहन की नीलामी को लेकर लगातार धरने पर बैठे सदस्य विरोध करते रहे पर जिला पंचायत अध्यक्ष व कर्मचारियों पर इसका कोई असर देखने को नही मिला।
“वहीं अगर हम नियमों की बात करें तो जिला पंचायत की अपनी परिसंपत्ति का क्रय विक्रय सम्बंधित प्रस्ताव सर्वप्रथम सदन में आना आवश्यक है तदपश्चात् सदन में प्रस्ताव पारित होने के बाद अगली कार्यवाही अमल में लाई जाती है।” परन्तु यहाँ पर बात करें तो धरने में बैठे विपक्ष के सदस्य एक स्वर में बोलते नजर आते हैं कि वाहन के विक्रय का कोई भी प्रस्ताव सदन में उनके सम्मुख नही आया है। उनका कहना है कि जिला पंचायत की सम्पत्ति बेचने का अधिकार भी अब अध्यक्ष के विवेकाधीन हो गया है। जो जनपद के विकास को देखते हुए गलत है।
अद्भुत रही जिला पंचायत का नीलामी कमेटी जिसमें एक अभियन्ता एस पी कोठियाल जो एएमए के चार्ज पर है वहीं दूसरे सदस्य के रूप में कार्यधिकारी के पद पर तैनात हरीश गाड़िया जिन्हें आज ही शासन ने अपने मूल पद में वापसी का आदेश प्राप्त हुआ है। वित्तीय परामर्शदाता धिरेश कुमार पाण्डे
के निर्देशन में जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देब की अध्यक्षता में आज नीलामी आयोजित की गई। अब देखने वाली बात यह है कि इस पर क्या कार्यवाही देखने को मिलती है। सीधे- सीधे कहें तो न एएमए, न कार्यधिकारी तो कैसे गठित हुई नीलामी कमेटी, जो चर्चा का विषय बनी हुई है। जिला पंचायत लगातार चर्चाओं में बनी हुई है फिर भी यहाँ के अधिकारी, कर्मचारी नियमों को तांक पर रखने से बाज नही आते है।
नीलामी में एक लाख की इनोका कार नौ लाख में युवा व्यवसायी खड़क सिंह दफ़ौटी ने नाम हुई। जिसमें जनपद व जनपद के बाहर के 140 लोगों ने प्रतिभाग किया। नीलामी की शुरुआत छै लाख से सुरु होकर नौ लाख पहुंची। जिस पर जिला पंचायत को आठ लाख का शुद्ध मुनाफ़ा हुआ है।
नीलामी के बाद से ही फिर नया विवाद सामने आने लगा है, जिला पंचायत की नीलामी समिति ने सबसे पहले गाड़ी ख़रीदने वाले व्यक्ति को ही जीएसटी जमा करने को कहा गया था परन्तु जब नीलामी सम्पन्न हो गई तब जीएसटी पर छूट की बात शहर भर में आग की तरह फैल चुकी है। जिस पर चर्चाओं के बाज़ार में एक बार फिर जिला पंचायत, जिला पंचायत अध्यक्षा और उनकी कार्यप्रणाली है।
♦️कोविड नियमों का खुला उलंघन-
जिला पंचायत परिसर में कोविड नियमों का पालन कराने में पुलिस प्रशासन व जिला पंचायत पूरी तरह से विफल रहा। चारों तरफ़ भीड़-भाड़ के बीच घिरी रही नीलामी की कार्यवाही। जिस पर नीलामी स्थल पर स्वयं अध्यक्षा बैठी हुई थी, परन्तु किसी भी तरह की कोई व्यवस्था देखने को नजर नही आयी, वहीं कोई भी मास्क के साथ नजर नही आना गम्भीर विषय है। जो जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान उठाते है।
♦️सत्य प्रकाश कोठियाल, कार्यवाहक एएमए
इस नीलामी के लिए हमें अध्यक्ष महोदया ने आदेशित किया है, जिस पर हमने कमेटी बनाकर उनकी मौजूदगी में इस नीलामी प्रक्रिया सम्पादित की है। अध्यक्षा महोदय इसके लिए सक्षम हैं, वो परिसंपत्तियों को ख़रीदने व बेचने का कार्य कर सकतीं हैं।
वही कुछ दिन पूर्व नागरिक मंच बागेश्वर ने इस नीलामी पर सवालिया निशान लगाते हुए जिला अधिकारी बागेश्वर को इसे निरस्त करने की मांग की थी। जिस पर कोई कार्यवाही देखने को नही मिला।