आज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम) और टीसीएस आईओएन के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया। यह पहल छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। कार्यक्रम का आयोजन आईटीएम के ऑडिटोरियम हॉल में किया गया, जिसमें शिक्षाविद, उद्योग विशेषज्ञ, और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन आईटी विभाग, आईटीएम की अध्यक्ष डॉ. दिव्या ध्यानी ने किया, संस्थान के अकादमिक एवं इंडस्ट्री इंटरफेस सलाहकार प्रो. डॉ. एच.एस. धामी ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए बताया कि इस समझौते का मुख्य उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AIML), नेटवर्क सुरक्षा, सॉफ्ट स्किल्स, डेटा साइंस एवं इंजीनियरिंग और अप्लाइड लर्निंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में छात्रों को कौशल संपन्न बनाना है। यह पहल न केवल करियर प्रोग्रेशन और स्टूडेंट एंगेजमेंट को बढ़ावा देगी, बल्कि स्किल इंगेजमेंट के माध्यम से स्किल गैप को भी पाटने में मददगार होगी।
समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में टीसीएस आईओएन के नॉर्थ रीजनल हेड शहनवाज़ फ़ैज़ल ने समझौते के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आईआईटीयन और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स द्वारा डिज़ाइन किया गया पाठ्यक्रम छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करेगा। शैक्षणिक और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान से छात्रों को व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान का मेल मिलेगा। स्टडी मटेरियल विशेषज्ञों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। छात्रों को लाइव प्रोजेक्ट्स और औद्योगिक यात्राओं का अवसर मिलेगा। प्रतिष्ठित कंपनियों में इंटर्नशिप के माध्यम से छात्रों को अर्थपूर्ण रोजगार के द्वार खुलेंगे। संकायों के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट सर्टिफिकेशन से शिक्षण स्तर में सुधार होगा।
अंत में संस्थान के चेयरमैन निशांत थपलियाल ने सभी छात्रों से अपील करते हुए कहा कि यह समझौता छात्रों को कौशल विकास और करियर प्रगति के लिए व्यापक अवसर प्रदान करेगा। आईटीएम और टीसीएस आईओएन का यह सहयोग न केवल विद्यार्थियों के कौशल को बढ़ावा देगा, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। यह कदम शिक्षा और उद्योग के बीच एक सेतु का कार्य करेगा, जो “अर्थपूर्ण रोजगार” और “सतत् विकास” की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस ऐतिहासिक पल के साक्षी सभी गणमान्यों के साथ साथ आईटीएम संस्थान की प्रधानाचार्य डॉ अंजू गैरोला थपलियाल, रजिस्ट्रार रूचि थपलियाल, सभी फैकल्टी मेंबर एवं छात्र छात्राएं आदि बने।