उत्तराखंड सूचना विभाग की मनमानियों के खिलाफ चला आ रहा पत्रकारों का आंदोलन आज सूचना विभाग द्वारा सभी मांगे मान लिए जाने तथा खेद व्यक्त करने के बाद स्थगित हो गया है। उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया के पत्रकारों ने कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित सूचना विभाग को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और चेताया था कि यदि पत्रकारों की 11 सूत्रीय मांगे नहीं मानी गई तो 2 अगस्त को 11:00 बजे से पत्रकार आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
वरिष्ठ पत्रकार संजीव पंत आज सुबह 11:00 बजे से आमरण अनशन पर बैठ गए थे तथा उनके साथ वरिष्ठ पत्रकार जीतमणि पैन्यूली क्रमिक अनशन तथा मौन व्रत पर बैठ गए थे।
हालांकि अल्टीमेटम के साथ ही कल एक अगस्त को ही सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई थी और आनन-फानन में ज्ञापन में दी गई मांगों पर वर्कआउट शुरू कर दिया गया था। आज लगभग 1:30 बजे उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल चंदोला तथा अपर निदेशक राजेश कुमार धरना स्थल पर आए तथा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पत्रकारों को आश्वस्त कराया और डॉक्टर अनिल चंदोला ने ज्ञापन में लिखी एक एक मांग पत्रकारों के सामने पढ़कर सुनाते हुए प्रत्येक पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इनमें से अधिकांश पर आज सुबह से ही कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।
डॉ अनिल चंदोला ने सबसे पहले अमर शहीद श्रीदेव सुमन की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि व्यक्त करने वाला विज्ञापन स्थानीय अखबारों को न दिए जाने पर खेद व्यक्त किया और इसे एक चूक मानते हुए इसकी प्रतिपूर्ति शीघ्र कराने का आश्वासन दिया।
साथ ही आश्वस्त किया कि पत्रकारों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा पत्रकारों को विश्वास में लिए बिना नियमावली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
जनता ने कहा कि नई नियमावली को फिलहाल रोक दिया गया है। डॉक्टर अनिल चंदोला ने बताया कि न्यूज़ पोर्टल के एंपैनलमेंट की कार्यवाही तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है, तथा आज ही एंपैनलमेंट के लिए अखबारों में विज्ञापन दिए जा रहे हैं।
इस के अलावा डॉ. अनिल चंदोला ने बताया कि वेब पोर्टल के पत्रकारों को भी मान्यता की दायरे में लाने के लिए फाइल चला दी गई है। साथ ही श्री चंदोला ने जानकारी दी कि कल ही पत्रकारों के लंबित पेंशन प्रकरणों और कल्याण योजनाओं पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
इसके अलावा डॉक्टर चंदोला ने सहमति व्यक्त की कि गूगल को कोई ऐड नहीं दिए जाएंगे। केवल वेब पोर्टल को ही विज्ञापन जारी किए जाएंगे।
डॉ अनिल चंदोला ने कहा कि सभी मांगो पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है तथा 1 महीने के अंदर अंदर सभी मांगें मूर्त रूप धारण कर लेगी।
उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पत्रकारों को भी संभवत एहसास नहीं रहा होगा कि सरकार इतनी आसानी से उनकी मांगे मान लेगी। लेकिन पत्रकारों की एकजुटता के आगे सरकार ने एक हफ्ते में ही घुटने टेक दिए।
संयुक्त संघर्ष मोर्चा के हौसले बुलंद हैं।
मांगे मान लिए जाने पर पत्रकारों ने खुशी जताई और सूचना विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया तथा साथ ही चेताया कि 1 महीने बाद इन मांगों पर हुए कार्यों का विश्लेषण किया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।