जहाँ राज्यसभा के सदस्यों ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम बिल पर अपने बात रखी और केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम के संबंध में प्रश्न किये। इसके बाद केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सदस्यों के प्रश्नों का जवाब दिया।
आज का दिन भारतीय संसद का अपने पूर्वजों के लिए था,आज संसद ने अपनी इतिहास की आज हमारी प्राचीनतम भाषा ,देव भाषा ,लोक कल्याण की भाषा और हमारे संस्कृति और संस्कारों की भाषा को केंद्रीय संस्कृत विश्वविधालय विधेयक 2019 को पारित किया गया।
देव भूमि उत्तराखंड से हमारे ,मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज इस बिल को पारित करवा कर देश के विद्वानों और संस्कृति मनीषियों ,और ॠषियों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
आधुनिकता की बात के साथ अपनी संस्कृत की बात करते हुए , माननीय प्रधानमंत्री जी के विचारो और 2014 में पार्टी के संकल्प पत्र को आज पूर्ण किया गया जो मोदी जी कहते है वही करते हैं।
आज इन विषयों को ले कर राज्यसभा में संसद में कई सांसदों ने अपनी अपनी बात तीन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को मान्यता दी गयी।
अपनी में भारत को विश्व गुरु बना रही है माननीय मंत्री जी ने अपनी बात रखी और सभी सांसदों का धन्यवाद किया और अपनी बात बताई ,और अपनी बात को संस्कृत भाषा में ही पूरी बात रखी।
ऐसा लग रहा था जैसे देव पुरुष उत्तरखंड से आज राजयसभा में मधुर वाणी में अपनी बात रख रहो हो,सक्षता एक देव पुरुष के स्वरुप में माननीय मंत्री जी ने पूरा सम्बोधन संस्कृत में भाषा में ही किया और सभी भाषा का महत्व बताया और संस्कृत भाषा पर जायदा प्रकाश डाला और सभी विद्वानों और अपनी सभ्यता के बारे में बताया और प्राचीन भारत की संस्कृत के विषयो को बहुत अच्छी तरह बताया।
जवाब देने के बाद राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने बिल पर वोटिंग करवाई. ध्वनि मत से हुई वोटिंग में बिल पास हो गया।
इसी के साथ लोकसभा के बाद राज्यसभा में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम बिल पास हो गया. इसके तहत तीन डीम्ड संस्कृत विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अपग्रेड करने का रास्ता भी साफ़ हो गया।
इस विधेयक में संस्कृत में तीन समझे जाने वाले विश्वविद्यालयों का उन्नयन करना है। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरुपति – केंद्रीय विश्वविद्यालयों में।
इससे इतर लोकसभा में चर्चा के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने के लिए समग्र शिक्षा योजना के माध्यम से केन्द्र सरकार सभी राजयों और केन्द्रशासित प्रदेशों को सहयोग दे रही है जिसमें नये स्कूलों को खोलने और विद्यालयों के सशक्तिकरण के प्रयास शामिल हैं।
केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि 2017-18 तक सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत और 2018-19 में समग्र शिक्षा योजना प्रभावी होने पर देश भर में तीन लाख 64 हजार नये विद्यालयों की मंजूरी दी गई थी जिसमें राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से तीन लाख 60 हजार विद्यालयों के खोले जाने की स्वीकृति दी गई।
आगे उन्होंने कहा कि 2017-18 तक उस समय के राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और 2018-19 से प्रभावी समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत 12 हजार 994 नये माध्यमिक विद्यालयों की मंजूरी दी गई जिसमें से पिछले वर्ष 31 दिसम्बर तक 12 हजार 423 नये विद्यालय खोले गये।
श्री पोखरियाल ने यह भी कहा कि राज्यों के जिला प्रशासन से निर्धारित प्रारूप में आवेदन मिलने के बाद नये विद्यालय खोलने के विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कई संगठनों की ओर से नये केन्द्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव मिले हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि देश भर में एक हजार 227 और विदेश में तीन केन्द्रीय विद्यालय चल रहे हैं। नवोदय विद्यालय योजना पर मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि देश में 645 जवाहर नवोदय विद्यालय चल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए हर जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय खोलने की येाजना है।