फेसबुक पर एक वीडियो शेयर करने वाले कोटद्वार निवासी आयुष कुकरेती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले खनन सामग्री सप्लायर अनिल पांडे का एक वीडियो पर्वतजन को प्राप्त हुआ है।
इस वीडियो में खनन सप्लायर कह रहा है कि यदि इस राज्य का विकास होगा तो वह डंपरों के माध्यम से ही होगा।
राज्य की विकास सिर्फ और सिर्फ डंपर के माध्यम से ही होने का दम भरने वाले इस खनन सप्लायर की मुख्यमंत्री के साथ कई फोटोग्राफ भी सोशल मीडिया पर हैं।
अहम सवाल यह है कि यदि मुख्यमंत्री की छवि खराब हुई है तो फिर मुख्यमंत्री के सूचना विभाग अथवा स्वयं मुख्यमंत्री के मुकदमा दर्ज कराने के बजाय इस खनन सप्लायर को मुकदमा क्यों दर्ज कराना पड़ा !
देखिए वीडियो
राज्य के विकास के लिए एकमात्र डंपर का ही सहारा बताने वाले इस खनन सप्लायर के इस बयान के पीछे आखिर क्या निहितार्थ हैं ??
इस वीडियो में यह खनन सप्लायर कह रहा है कि पुलिस प्रशासन डंपर मालिकों के पीछे ऐसे पड़े हैं जैसे कि यह सबसे बड़े डकैत हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों तेज रफ्तार से चलते डंपरों के कारण कई लोग और स्कूल जाते बच्चे इनके नीचे कुचलकर मारे गए हैं।
इसके चलते पुलिस प्रशासन ने देहरादून के शिमला बायपास जैसी जगहों पर एक निश्चित समय अवधि में नो एंट्री जोन बना रखा है।
यह खनन सप्लायर इस वीडियो में इस नो एंट्री जोन को खुलवाने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बना रहा है और कह रहा है कि इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।
जाहिर है कि पुलिस प्रशासन में ओवरलोडेड डंपरों की तेज रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए ही नो एंट्री जोन बनाए हुए हैं। इससे आम जनता को काफी राहत है लेकिन यह खनन सप्लायर मुख्यमंत्री से नजदीकी दिखाते हुए इस तरह के गैर कानूनी दबाव बनाता है।
कोटद्वार निवासी आयुष कुकरेती के खिलाफ ताजा मुकदमा किए जाने का भी यही संदेश जा रहा है कि इस खनन सप्लायर ने मुख्यमंत्री की नजदीकी प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से मुकदमा दर्ज कराया है।
यदि यह मुकदमा मुख्यमंत्री की ओर से नहीं है तो फिर मुख्यमंत्री की अब तक इस मामले में चुप्पी कई अहम सवाल खड़े करती है।
यह मुख्यमंत्री की मौन सहमति जैसा ही है।
पिछले दिनों राष्ट्रपति के हरिद्वार दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के डाक्टर्ड वीडियो को फेसबुक पर शेयर करने पर इस खनन सप्लायर ने कोटद्वार के आयुष कुकरेती के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था।
खनन सामग्री सप्लायर अनिल पांडे ने इस वीडियो को मुख्यमंत्री की छवि खराब करने वाला बताते हुए कोटद्वार के आयुष कुकरेती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से राज्य में हो रहे गलत कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री का बचाव करने के लिए कोई भी जिम्मेदार दायित्व धारी अथवा अधिकारी सामने नहीं आ रहा है, इसके कारण अनिल पांडे जैसे खनन सप्लायर को यह कमान संभालने का मौका मिल गया है।
इससे मुख्यमंत्री की छवि और खराब हो रही है। आखिर क्या मुख्यमंत्री की छवि को बिगड़ने से बचाने के लिए अब खनन सप्लायरों का ही सहारा बच गया है !
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