कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के चर्चित विधायक कुंवर प्रणव ‘चैंपियन’ की सुरक्षा, केंद्र सरकार द्वारा वापस लेने के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। न्यायालय ने मामले को ‘नॉट बिफोर’ करते हुए मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायाधीश का निर्णय लेने के लिए भेज दिया है ।
मोदी सरकार ने विधायक ‘चैम्पियन’ की सुरक्षा वापस ली, जिसके खिलाफ विधायक उच्च न्यायालय पहुँच गए ।
याचिका में आज सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक सिंह और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खण्डपीठ ने सुनने से इनकार कर दिया। खण्डपीठ ने इस मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश को केस वापस भेज दिया है, ताकि वो कोई दूसरे न्यायाधीशों को सुनवाई के लिए केस दे सकें ।
याचिकाकर्ता कुंवर प्रणव ने याचिका में कहा है कि उनको केंद्र सरकार से वाई प्लस सुरक्षा पिछले 25 वर्षों से मिली हुई थी । लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले सुरक्षा वापस ले ली। इससे उनको व उनके परिवार को जानमाल का खतरा बन गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने सुरक्षा के साथ साथ उनके लाइसेंसी हथियार का लाइसेंस भी कैंसिल कर दिया है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि उनका परिवार पिछले ढाई सौ वर्षों से जाना पहचाना परिवार है। उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि बिना किसी कारण के उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है।
खण्डपीठ ने मामले में सुनवाई करने से साफ इनकार करते हुए केस को वापस मुख्य न्यायाधीश को वापस भेज दिया है। अब मुख्य न्यायाधीश, मामले को दूसरे न्यायाधीशों को सौंपेंगे जिसके बाद मामले में सुनवाई होने की संभावना है।
उत्तराखण्ड के चर्चित विधायक कुंवर प्रणव ‘चैंपियन’ की सुरक्षा, केंद्र सरकार द्वारा वापस लेने के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई।
न्यायालय ने मामले को ‘नॉट बिफोर’ करते हुए मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायाधीश का निर्णय लेने के लिए भेज दिया है।
मोदी सरकार ने विधायक ‘चैम्पियन’ की सुरक्षा वापस ली, जिसके खिलाफ विधायक उच्च न्यायालय पहुँच गए।
याचिका में आज सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक सिंह और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खण्डपीठ ने सुनने से इनकार कर दिया। खण्डपीठ ने इस मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश को केस वापस भेज दिया है, ताकि वो कोई दूसरे न्यायाधीशों को सुनवाई के लिए केस दे सकें।
याचिकाकर्ता कुंवर प्रणव ने याचिका में कहा है कि उनको केंद्र सरकार से वाई प्लस सुरक्षा पिछले 25 वर्षों से मिली हुई थी। लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले सुरक्षा वापस ले ली। इससे उनको व उनके परिवार को जानमाल का खतरा बन गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने सुरक्षा के साथ साथ उनके लाइसेंसी हथियारों का लाइसेंस भी कैंसिल कर दिया है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि उनका परिवार पिछले ढाई सौ वर्षों से जाना पहचाना परिवार है।
उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि बिना किसी कारण के उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है।
खण्डपीठ ने मामले में सुनवाई करने से साफ इनकार करते हुए केस को वापस मुख्य न्यायाधीश को वापस भेज दिया है। अब मुख्य न्यायाधीश, मामले को दूसरे न्यायाधीशों को सौंपेंगे जिसके बाद मामले में सुनवाई होने की संभावना है।