मनसा और चंडी देवी की पहाड़ियों पर भूस्खलन
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। शहर में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के बाद आम लोगो का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बारिश के चलते हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग और चंडी देवी स्थित अंजनि देवी मंदिर मार्ग पर पहाड़ी दरक गयी जिसके चलते बड़ा हादसा होने से बच गया। भारी बारिश के चलते भूस्खलन होने स जहां एक ओर मनसा देवी मार्ग पर मलवा आया तो वही चंडी देवी स्थित अंजनी माता मन्दिर मार्ग पर दो स्थानों में मलबा आ गया। अंजनी माता मंदिर के प्रांगण में स्थित मंदिर कार्यालय का भवन भी इसकी जद में आ गया है। हालाँकि इस दौरान गनीमत रही की कोरोना के चलते मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर मार्ग पर श्रद्धालुओं की संख्या न के बराबर है, नहीं तो बड़ा हादसा भी हो सकता था।
आपको बता दे कि, पूर्व से ही इन सिद्ध मंदिरों के मार्ग पर पहाड़िया दरकती रही है। इस कारण यहां रहने वाले भारी संख्या में स्थानीय लोगो और यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं पर जान का खतरा बना रहता है। पूर्व से ही इस खतरे से शासन और प्रशासन भी पूरी तरह अवगत है। मगर फिर भी इस ओर आज तक कोई कार्य नही किया गया है।
मंदिर मार्ग पर पहाड़ी दरकने के मामले में अंजनी देवी मन्दिर प्रबंधन का कहना है कि, पूरी पहाड़ी दरक गई है। मंदिर क्षतिग्रस्त हुआ है। यात्रियों के लिए मार्ग पर रखी दो बेंच भी ध्वस्त हो गई है। पिछले दो वर्षों से लगातार इसी तरह के हालात उत्पन होते रहते है। बरसात के मौसम में यात्रियों की जान जोखिम में रहती है। मगर कई बार स्थानीय प्रशासन और मंत्री जी को समस्या से अवगत करने के बावजूद भी आज तक किसी ने यंहा की सुध नही ली।कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
वही इस मामले में यहां आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि, इस मार्ग पर खतरा बना रहता है परिवार बच्चो के साथ श्रद्धालु मनसा देवी और अंजनी देवी मंदिर में दर्शन करने आता है। मगर इस तरह के भुस्खलन से सभी को जान का खतरा रहता है। प्रशासन को इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
शासन के साथ स्थानीय प्रशासन इस खतरे से अच्छी तरह वाकिफ है। फिर भी हरिद्वार के स्थानीय निवासियों और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सर पर मंडरा रहे इस गंभीर खतरे को लेकर कोई ठोस कदम नही उठाये जाते है। जाहिर है शासन और प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।