विशाल सक्सेना
दिनेशपुर।
उत्तराखंड में कोरोना को बढ़ते देख उत्तराखंड सरकार भी सतर्कता के साथ काम कर रही है। कोरोना के चैन को तोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार भी पहले नाईट कर्फ्यू फिर अर्ध लॉकडाउन अब धीरे-धीरे लॉकडाउन की ओर बढ़ रही है।
उत्तराखंड सरकार लोगों को कोरोना से बचाने के लिए हर एक प्रयास कर रही है ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। लेकिन लॉकडाउन से छोटे व्यापारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है |
वहीं दूसरी ओर मजदूर व गरीब वर्गों को राशन पानी की भी समस्या उत्पन्न हो रही है। कोरोना से बचाव के लिए सरकार मजबूरन कर्फ्यू जैसे उपाय कर रही है तो इसी का फायदा उठाते हुए बड़े पूंजीपति बड़े परचून व्यापारियों ने प्रशासन के सख्त निर्देश के बावजूद भी कालाबाजारी का धंधा चालू कर दिया है| जैसे गुटका तंबाकू बीड़ी सिगरेट पान मसाला आदि अनेक पदार्थों को लोग महंगे दामों में मजबूरी में खरीद रहे हैं।
छोटे किराना व्यापारियों का कहना है होलसेल ने लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए हर एक माल में दुगना रेट कर दिया है। जिस कारण मजबूरन हमें माल महंगा बेचना पढ़ रहा है। जिसका खामियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा बिकने वाला तानसेन गुटखा के डिस्ट्रीब्यूटर से जानकारी लेने पर उनका कहना है कि, कंपनी ने कोई रेट नहीं बढ़ाया है जिससे यह साबित होता है कंपनी द्वारा किसी माल का रेट नहीं बढ़ाया है लेकिन लोकल के बड़े होलसेलर ने माल स्टॉक कर दोगुने दामों में माल बेचना शुरू कर दिया है|
कालाबाजारी चरम पर है जिस को रोकने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है नहीं तो इस कालाबाजारी का शिकार आम लोगों को होना पड़ रहा है।