उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को यूपी के सीएम के स्वर्गीय पिता के नाम पर गलत तरीके से लॉक डाउन में बद्री केदार का पास जारी कराने वाले आईएएस अफसर ओमप्रकाश के खिलाफ उत्तराखंड में सामाजिक व राजनीतिक जनप्रतिनिधियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनता भी सरकार पर दोहरे मानक और दोषियों को बचाने का आरोप लगा रही है।
इस मामले में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने 1 सप्ताह पहले डीजीपी को ऑनलाइन शिकायत की थी किंतु उस तहरीर पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी।
तहरीर में आरोप यह भी है कि एसीएस ओमप्रकाश ने विधायक को राज्य में घुसने और मुकदमे के बाद भी यहां से निकलने में मदद की, जबकि यूपी पुलिस ने उन पर मुकदमा दर्ज करके गाड़ी सीज की और उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन भी कर दिया।
एक सप्ताह बाद भी इस दिशा में कोई अपेक्षित प्रगति न होने पर गोपाल वनवासी में इसकी शिकायत उत्तराखंड उच्च न्यायालय में कर दी है।
रजिस्ट्रार के नाम संबोधित पत्र में वनवासी ने ओमप्रकाश के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर के न्यायिक जांच करने के लिए उत्तराखंड सरकार को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने भी पुलिस में एसीएस ओमप्रकाश के खिलाफ तहरीर दी थी किंतु पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।
इससे पहले रविंद्र जुगरान भी सरकार को चेतावनी दे चुके हैं कि यदि इस मामले में कार्यवाही नहीं की गई तो वह हाईकोर्ट जाएंगे।
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में कार्यवाही करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि ऐसा ही एक हिस्सा महाराष्ट्र में हुआ था वहां पर कोरोनावायरस कहर के लॉक डाउन की बीच 10 अप्रैल को प्रमुख सचिव ग्रह अमिताभ गुप्ता ने उद्योगपति कपिल और धीरज वधावन के लिए लॉक डाउन में खंडाला से महाबलेश्वर आदि घूमने के लिए पास जारी किया था।
भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया था और फिर दबाव में वधावन बंधुओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें हिरासत में ले लिया गया था, साथ ही प्रमुख सचिव अमिताभ गुप्ता को भी जांच पूरी होने तक फोर्स लीव पर भेज दिया गया था।
यही कारण है कि उत्तराखंड में ओमप्रकाश के खिलाफ कार्यवाही ना होने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी भाजपा पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाया है और कहा कि “महाराष्ट्र में भाजपा ने प्रमुख सचिव पर कार्यवाही करवाई तथा यहां पर अपर मुख्य सचिव को बचा रही है, लेकिन जनता सब देख रही है।”
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने भी मुख्य सचिव को अपने पत्र में महाराष्ट्र के बधावन मामले का हवाला देते हुए ओम प्रकाश के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट कहते हैं कि इस मामले में अब जनता की निगाहें सरकार के एक्शन पर है और मुद्दा जीरो टोलरेंस का है। देखना यह है कि सरकार कितनी संजीदा है !
कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र जीरो टोलरेंस दिखाकर नजीर पेश करते हैं या उनका दावा हवा हवाई बनकर रह जाता है, यह देखने वाली बात होगी।