कृष्णा बिष्ट
दिनांक 31/03/2020 को काशीपुर के नवनियुक्त माननीय नगर आयुक्त का बेहद अमर्यादित व शर्मनाक बयान सुनने व देखने को मिला।
काशीपुर के नगर आयुक्त ने जनता के सामने कहा कि जो खुद उधार में डूबे हुए हैं वह कोरोना कि इस महामारी के समय राशन बांट रहे हैं और वे उनका लाइसेंस कैंसिल करेंगे।
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सवाल है कि यदि कोई कर्जदार (आयुक्त महोदय के अनुसार) अपना सब कुछ दांव पर लगाकर निःस्वार्थ भाव से भूखे पेट हज़ारों लोगों की सुबह शाम पिछले कई दिनों से निरन्तर खाने की व्यवस्था करके उन मासूम लोगों के चेहरे की मुस्कान लौटने का प्रयास कर रहे ऐसे दानवीरों का प्रोत्साहन करने की जगह माननीय नगर आयुक्त द्वारा बेहद शर्मनाक टिप्पणी क्यों की गई..?
आखिर महोदय को कैसे मालूम कि कौन कर्जदार है अथवा कौन नही…?
यदि महोदय को उक्त कर्जदार का पता है तो उन्हें समाज के सामने उन दानवीरों की पहचान सार्वजनिक करने की हिम्मत दिखानी चाहिए।
नवनियुक्त आयुक्त महोदय को यह ज्ञात होना चाहिए कि हमारे देश के लोकप्रिय एवं कर्मठ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर एक घर से कम से कम नौ परिवारों को रोजाना सुबह शाम भोजन कराने का निवेदन किया गया है।