देहरादून, 24 जून 2025
उत्तराखंड में बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण को समर्पित देहरादून जिला प्रशासन की अभिनव पहल “नंदा-सुनंदा” अब एक मिसाल बनती जा रही है। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर इस परियोजना के तहत अब तक 38 निर्धन और असहाय बालिकाओं की शिक्षा को पुनर्जीवित किया गया है। सोमवार को कलक्ट्रेट परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान 5 बालिकाओं को कुल 1,65,800 रुपये के चेक सौंपे गए।
शिक्षा की राह में प्रशासन का साथ
कार्यक्रम में डीएम सविन बंसल ने कहा कि बेटियों की शिक्षा को बाधित नहीं होने दिया जाएगा। “नंदा-सुनंदा” परियोजना के माध्यम से अब तक करीब 14 लाख रुपये की सहायता दी जा चुकी है। यह प्रयास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सशक्त बेटी-सशक्त उत्तराखंड के विजन को साकार करने की दिशा में अहम कदम है।
बेटियों के लिए शिक्षा की लौ
डीएम ने बालिकाओं से अपील की कि वे अपनी पढ़ाई में मेहनत करें और भविष्य में स्वयं सक्षम बनें ताकि दूसरों की मदद कर सकें। बेटियों ने भावुक होकर कहा, “थैंक्यू डीएम सर, आपने हमारे लिए जो किया वो हम कभी नहीं भूलेंगे। हम भी एक दिन सक्षम बनकर किसी जरूरतमंद की मदद करेंगे।”
इन बेटियों को मिली मदद:
- गौरांशी सिंघल – ब्यूटीशियन कोर्स, ₹35,000
- अनुष्का क्षेत्री – केंद्रीय विद्यालय कक्षा 11, ₹7,800
- वैष्णवी – शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल, कक्षा 12, ₹33,000
- तनु शर्मा – बीएससी डाटा साइंस, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, ₹60,000
- शताक्षी शर्मा – इंडियन एकेडमी, कक्षा 11, ₹30,000
प्रशासन का भरोसा, समाज में बदलाव की ओर एक कदम
जिलाधिकारी ने कहा कि यह प्रयास केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि बेटियों के सपनों को उड़ान देने और उनके आत्मविश्वास को मजबूत करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि “नंदा-सुनंदा” एक सतत प्रयास है जो उनके रहते या न रहते भी चलता रहेगा।
कार्यक्रम में शामिल रहे अधिकारी
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
“नंदा-सुनंदा” अब केवल एक योजना नहीं, एक आंदोलन है – बेटियों को आगे बढ़ाने का और समाज की सोच को बदलने का।