अनुज नेगी
पौड़ी। अपने बाघो के लिए विख्यात राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में एनटीसीए की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। पार्क महकमे की गोहरी रेंज में धार्मिक आस्था के नाम पर स्थानीय व्यपारियो को कुछ भी करने की खुली छूट दी गयी है। हर वर्ष सावन में लाखों की संख्या में शिव भक्त राजाजी पार्क के पैदल मार्ग से नीलकंठ महादेव के दर्शन को पँहुचते है। इसी आस्था की आड़ लेकर पार्क मकहमे के अधिकारी खुलेआम एनटीसीए की गाइडलाइंस का उल्लंघन करते नजर आते है। बाग़खाला, मौनीबाबा, धांधला पानी से लेकर नीलकण्ठ तक जाने वाले इस मार्ग पर सैकड़ो की संख्या में दुकानें लगती है। बाघ बाहुल्य इस क्षेत्र में केवल वन मार्ग का उपयोग मंदिर जाने हेतु किया जा सकता है। मगर नियमो को दरकिनार कर इन दुकानों को कुछ भी करने की खुली छूट वन कर्मियों व अधिकारियों द्वारा दी जाती है। मीडिया ने जब राजाजी पार्क क्षेत्र का जायजा लिया तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। बाग़खाला से लेकर नीलकंठ तक डेड सौ के ऊपर लोगो ने अपनी दुकानें लगा रखी है,जो कि आने वाले समय में वन्यजीवों के लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकता है।
राजाजी पार्क में भंडारो व दुकानों को किस आधार पर दी जाती है परमिशन
आपको बता दें कि देश के किसी भी टाइगर रिजर्व में एनटीसीए की गाइडलाइन का उल्लघन करने पर कठोर कार्यवाही का प्रावधान है। मगर राजाजी पार्क के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को देख कर लगता है कि उन्हें इन नियमो की जरा से भी ख़ौफ़ नही है। सावन के शुरू होने से पूर्व ही अन्य राज्यो से आये भंडारा संचालको व दुकान लगाने वालों को तय शर्तो के आधार पर परमिशन दे दी गयी। शर्तो के मुताबिक डिब्बाबन्द भोजन शिवभक्तों को दिया जाएगा। इसके साथ ही भंडारा स्थल पर जालोनी लकड़ी व किसी भी प्रकार के जनरेटर का इस्तेमाल नही होगा। मगर मौके पर हालात कुछ और ही नजर आए। भोजन पकाने के लिए जलौनी लकड़ी के साथ ही खुलेआम जेनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है, मगर राजाजी पार्क के अधिकारियों का कार्यवाही के नाम पर चुप्पी सवाल खड़े करता है।
आपको बता देंं कि 2010 से पहले राजाजी पार्क प्रशासन की ईको विकास समिति (ईडीसी) तौली पुंडरासू स्वर्गाश्रम-नीलकंठ पैदल मार्ग पर दुकानों का आवंटन करती थी, जो कि वर्तमान समय गठित नहीं है। मगर ईको विकास समिति तौली पुंडरासू वर्तमान समय में अपने अस्तित्व में नहींं है जिसके कारण राजाजी पार्क प्रशासन खुलकर अपनी मनमर्जी करता आ रहा है।
“पार्क प्रशासन चन्द लालच के वन्य जीव को खतरा पहुँचा रहे है, जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार राजाजी पार्क क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। किसी को भी प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा।”
विनोद कुमार जैन-वन्यजीव आरटीआई एक्टिविस्ट
” एनटीसीए की गाइड लाइन कठोर है मगर आस्था के नाम हम किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही कर सकते”
पी के पात्रों-निदेशक राजाजी पार्क