राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण में मिटटी भरान की मिली अनुमति, जमकर हो रहा दुरूपयोग
रिपोर्ट- विशाल सक्सेना
काशीपुर। राष्ट्रीय राज मार्ग को चौड़ीकरण में मिटटी भरान की मिली अनुमति का अब जमकर दुरूपयोग हो रहा है। अभी फोरलेन का कार्य भले ही रुका हुआ है, लेकिन भरान करने वाले ठेकेदार बेशकीमती उपजाऊ ज़मीन को पीले पंजो से नोच कर अपनी जेबे भरने में लगे हुए है। अब यह कथित भरान के ठेकेदार निजी कोलोनाइज़ारो और अन्य ज़रूरतमंदो को भरान करते दिखाई दे रहे है। इन्हे कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। जबकि नियमानुसार मिटटी का दोहन अनुपयोगी भूमि से ही किया जाना चाहिये, लेकिन इन ठेकेदारों ने उपजाऊ ज़मीन को भी खेत मालिकों से मिल कर निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पेसो के लालच में अपनी उपजाऊ ज़मीन को भूमि मालिक बंजर बनवा रहे है।
भू वैज्ञानिको के अनुसार जिस ज़मीन से मिटटी निकाली जाती है, तो उसकी ऊपरी उपजाऊ परत निकल जाती है। ऐसे में उस ज़मीन को उपजाऊ बनने में पचासो साल लग जाते है। ज़्यादातर किसानो को इसकी जानकारी नहीं है, जो चंद पेसो के लालच में अपनी उपजाऊ ज़मीन को बंजर बनवा रहे है।
ऊधम सिंह नगर के काशीपुर और जसपुर क्षेत्र में बन रहे फोरलेन सड़क निर्माण में लगे पीएनसी इंफ्राटेक के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। एनएच पर मिट्टी डालने में लगे कंपनी के डम्परों द्वारा एनएच की मिट्टी सेे लोगों के मकानों-प्लाटों में भरान किया जा रहा है। बता दें कि पीएनसी कंपनी को जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर द्वारा एनएच को ऊंचा उठाने, सड़क बनाने के लिए मिट्टी उठान की परमिशन दी गई है। लेकिन इस परमिशन का गलत इस्तेमाल करते हुए ठेकेदार निजी संस्थानों और निजी तौर पर बन रहे मकानों/प्लाॅटों/नियमों को ताक पर रखकर कट रही कॉलोनियों में डाल कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
सूत्रों की माने तो एक डंपर मिट्टी को साढ़े चार से पांच हजार रुपए लेकर यह कार्य किया जा रहा है। यदि कोई पुलिसकर्मी इन्हें रोकते है तो ये उन्हें जिलाधिकारी की परमिशन का हवाला देकर गुमराह कर देते हैं। फोरलेन के बनने में हो रही देरी इन लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। क्यों कि इसकी आड़ में ये लोग लगतार निजी लोगों के यहा मिट्टी भरान कर अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। वही जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि, मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगी।