कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के मुनस्यारी में नदी में दो बहनें बह गई जिसमें एक बहन की जान चली गई और दूसरी को इलाज के लिए पिथौरागढ़ भेजा गया है ।
पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी के नमजला जी.जी.आई.सी.स्कूल की छुट्टी होने के बाद छात्राएं शाम को घर लौट रही थी। रास्ते मे पड़ने वाली घटगाड नदी में पानी का तेज बहाव चल रहा था। कक्षा छह में पढ़ने वाली छोटी बहन 11 वर्षीय हिना उर्फ ‘रीता’ नाले को पार करते समय बह गई जिसे बचाने के लिए कक्षा नौ में पढ़ने वाली बड़ी बहन 14 वर्षीय ललिता ने पानी में कूद लगा दी।
पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी के नमजला जी.जी.आई.सी.स्कूल की छुट्टी होने के बाद छात्राएं शाम को घर लौट रही थी। रास्ते मे पड़ने वाली घटगाड नदी में पानी का तेज बहाव चल रहा था। कक्षा छह में पढ़ने वाली छोटी बहन 11 वर्षीय हिना उर्फ ‘रीता’ नाले को पार करते समय बह गई जिसे बचाने के लिए कक्षा नौ में पढ़ने वाली बड़ी बहन 14 वर्षीय ललिता ने पानी में कूद लगा दी।
छोटी बहन रीता तो बच गई लेकिन बड़ी बहन सौ मीटर दूर नदी में गिरे पेड़ की डाल में अटक गई। रीता को ग्रामीणों ने जल्द निकालकर स्थानीय चिकित्सालय पहुंचाया जिसे जिला अस्पताल पिथौरागढ़ रैफर कर दिया गया है लेकिन ललिता को नहीं बचाया जा सका। जिस नदी में दोनों बहनें बही हैं वहां का पुल दो जुलाई 2018 की आपदा में बह गया था, जिसे आज तक सुधारा नहीं जा सका है । ललिता और रीता के पिता देवेंद्र नित्वाल बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइसेशन(बी.आर.ओ.)में श्रमिक का काम करते हैं।
घायल छात्रा रीता को सीएचसी मुनस्यारी में प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ रेफर किया गया। 108 से घायल छात्रा को पिथौरागढ ले जाया गया।
एसडीएम बीएस फोनिया के नेतृत्व में एसडीआरफ टीम घटना स्थल पर मौजूद रही।
सुन लेती सरकार, तो नही होता हाहाकार
गौरतलब है कि जिस जगह पर यह दोनों बहने बहीं , वहां पर पैदल पुल वर्ष 2018 की आपदा में टूट गया था। तब से लकड़ी का पुल बना कर किसी तरह से काम चल रहा था, आज वह भी डूब गया।
ग्रामीणों द्वारा लगातार यहां पर नया आरसीसी पुल बनाए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार ने ग्रामीणों की एक भी नहीं सुनी। परिणाम स्वरूप आज यह दुखद हादसा हो गया।
पर्वतजन अपने प्रिय पाठकों से अनुरोध करता है कि इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि सीमांत के हालात से सत्ता के गलियारे भी रूबरू हो सकें। पर्वतजन यह मानता है कि यह हादसे में हुई मौत नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र की लापरवाही से हुई हत्या है।