सरकारी भूमि में बंदोबस्त कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा कर बना डाला आलीशान होटल
रामनगर। विश्वविख्यात कॉर्बेट पार्क के आस-पास की करोड़ों की सरकारी बंजर भूमि को बंदोबस्त कर्मचारियों की मिलीभगत से खुर्द-बुर्द करने का मामला सामने आया है। बंदोबस्त विभाग के कर्मचारियों की गठजोड़ के चलते करीब छह बीघा सरकारी बंजर भूमि पर एक होटल बना दिया गया। तहसील प्रशासन की तरफ से डीएम को भेजी गई रिपोर्ट में सरकारी बंजर भूमि पर कब्जा कर होटल बनाए जाने की पूर्व में पुष्टी हो चुकी है।
आरटीआई एक्टिविस्ट अजीम खान पुत्र स्व. महबूब शाह खान ने एसडीएम से ग्राम ढिकुली में सरकारी बंजर भूमि पर होटल बनाए जाने की शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि, शहर का ही एक व्यक्ति इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके होटल बना रहा है। अजीम की शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच शुरू की थी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट प्रशासन को भेजी। इसमें आरोप सही निकले। डीएम को भेजी जांच रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया कि, ढिकुली स्थित सरकारी बंजर भूमि में 11 अक्तूबर 1995 में बंदोबस्त विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अनुज कमार पुत्र दिनेश कुमार निवासी रामनगर का कब्जा दिखाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में करोड़ों की सरकारी बंजर भूमि में “द ग्रील कबाब ट्रीट” के नाम से एक होटल बनाया गया है। जो पूरी तरह से अवैध कब्जा है। कब्जा नियम विरूद्ध है। लाल स्याही से दर्ज दिखाया गया है।
सरकारी भूमि में बंदोबस्त कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा कर आलीशान होटल बनाए जाने का मामला सामने आने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन का कहना है कि, जिस सरकारी बंजर भूमि पर कब्जा है, वह लगभग छह बीघा है। पूर्व में राजस्व निरीक्षक चिल्किया, राजस्व उप निरीक्षक धारी और बंदोबस्त लेखपाल मौके पर जाकर जांच कर चुके हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अजिम खान की तरफ से मांगी गई आरटीआई में संबंधित विभाग के अधिकारियों ने सही जानकारी नहीं दी। अनुज कुमार का कब्जा दिखाया गया है। लेकिन, बिंदू पांच में जिस भूमि पर होटल बनाया गया है, उसे श्रेणी पांच दिखाया गया है। नियमानुसार श्रेणी पांच में किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकता है। स्पष्ट जानकारी न मिलने पर ही आरटीआई कार्यकर्ता ने शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। बावजूद इसके आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।