वैयक्तिक सहायकों की निकली पोस्ट। लेकिन कंप्यूटर सर्टिफिकेट पर फंसा पेंच !
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 158 ग्रुप सी पदों के अंतर्गत आशुलिपिक और व्यक्तिक सहायक के लिए भर्ती निकाली है। इस पर आज 1 जुलाई 2020 से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। आवेदक आयोग की एप्लीकेशन पोर्टल uksssconline.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तारीख 14 सितंबर 2020 है, जबकि आवेदन शुल्क का भुगतान 16 सितंबर तक हो सकता है।
लेकिन यहां फंसा पेंच
उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में होने वाले इन आवेदनों के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से 1 वर्षीय कंप्यूटर प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट मांगा गया है। लेकिन कर्मचारी सेवा नियमावली के अंतर्गत मान्यता प्राप्त संस्थान की परिभाषा ही स्पष्ट नहीं है और ना ही अभी तक अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास इसकी कोई जानकारी है कि कौन-कौन से संस्थान 1 वर्षीय कंप्यूटर पाठ्यक्रम के लिए मान्यता प्राप्त हैं। इसके कारण सही पात्रता निर्धारण में भी कठिनाई उत्पन्न होती है।
पहले भी आई दिक्कत
पहले भी इस तरह के चयन हुए हैं और जिस से काफी कानूनी दिक्कतें भी उत्पन्न हो गई थी। और परीक्षा फल घोषित होने में बेहद विलंब हुआ था। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भी मानता है कि इस समस्या के कारण समय की काफी हानि होती है और कानूनी पेच फंस जाता है। आयोग ने पहले भी शासन को इस पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए लिखा लेकिन शासन से कोई जवाब नहीं आता है।
आयोग भी असमंजस मे
आयोग ने भी अपने स्तर पर जब इसका पता कराया तो पता चला कि कंप्यूटर के 1 वर्षीय प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों को राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की जा रही। कोई स्पष्ट प्रशिक्षण कोर्स की भी मान्यता नहीं दी जा रही है। ऐसे में कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए ऐसी अर्हता का प्रावधान कठिनाइयां पैदा करने वाला है। ऐसे प्रावधान से कई बार रिजल्ट आने के बाद भी भर्तियों में कानूनी पेच फंस जाता है। लेकिन शासन ने अभी तक ना तो इस पर कोई निर्णय लिया है और ना ही कोई शिथलीकरण जैसा फैसला लिया है। इसके बारे में आयोग के सचिव संतोष बडोनी बताते हैं कि शासन को उक्त नियमावली में संशोधन पर विचार करने के लिए अनुरोध किया गया है।
आयोग ने दिया शासन को सुझाव
आयोग ने शासन को यह भी सुझाव दिया है कि व्यक्ति सहायक पद की शैक्षिक अर्हता में 1 वर्षीय कंप्यूटर पाठ्यक्रम हेतु एनआईआईटी का सीसीसी, हिल्ट्रॉन या प्राविधिक शिक्षा परिषद आदि के संचालित मान्यता प्राप्त संस्थानों के पाठ्यक्रमों का भी प्रावधान किया जा सकता है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग शासन को इस के संदर्भ में बता चुका है लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
तो फंसेगा पेंच
हालिया भर्ती निकलने से पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव 7 जून 2020 को एक पत्र शासन को लिखा था किंतु अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। यदि समय रहते इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया तो या तो कई अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह जाएंगे या फिर इस परीक्षा का परिणाम निकलने पर यह भर्ती भी कोर्ट कचहरी की भेंट चढ़ सकती है।