कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र से बिजली नहीं होने के कारण अबतक 100 से ज्यादा परिवार पलायन कर चुके हैं, जिसके बाद ग्रामीण ने जनहित याचिका लगाकर बिजली दिलवाने की प्रार्थना की गई है । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिले मेंं खेड़ा ग्रामसभा के गंगनगर गांव में बिजली की सुविधा दिलाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद विद्युत निगम, जल निगम और डी.एफ.ओ.समेत अन्य को चार नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मामले कि सुनवाई मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ में हुई जिसमें हसमत अली ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि 1977 में 192 परिवारों को सरकार ने पट्टे दिए थे। जब भी उन्होंने गांव में बिजली की मांग की तो हमेशा ही वन ग्राम का हवाला देते हुए उन्हें बिजली की सुविधा नहीं दी गई।
याचिका में कहा गया कि बिंदुखत्ता, दमुवादूंगा और सुलतान नगरी वन गांवों में बिजली की सुविधा दी जा सकती है तो उनके गांव में बिजली की सुविधा क्यों नहीं। विद्युत विभाग ने यहां बिजली लगाने की एन.ओ.सी.मांगी तो वन विभाग ने 15 दिन तक जेल भेजने का हवाला देते हुए इसे निरस्त कर दिया था। बिजली न होने से गांव से अब तक 100 से ज्यादा परिवार पलायन कर चुके हैं।