जगदम्बा कोठारी
रुद्रप्रयाग। जनपद में प्रथम बार वन विभाग द्वारा दो दिवसीय विंटर बर्ड फेस्टिवल का आयोजन चिरबटिया में किया गया। इस आयोजन में देशभर से सौ से अधिक पक्षी प्रेमियों एवं विशेषज्ञों ने शिरकत की।
समुद्रतल से 7300 फीट की ऊंचाई पर आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने किया। जिलाधिकारी ने कहा कि चिरबटिया रुद्रप्रयाग का ही नहीं, बल्कि देश के रमणीक स्थलों में से एक है, जहां सैकड़ों प्रकार के दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षी पाये जाते हैं। उन्होंने वन विभाग की इस पहल की सराहना की। जनपद के प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से पक्षियों की नई प्रजाति के और विदेशी प्रवासी पक्षियों की सही संख्या का अनुमान लगाने मे सहायता मिली है, जिससे कि उनके संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं। चिरबटिया बर्ड वाचिंग के लिए एक उपयुक्त स्थान है।
प्रयागराज विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा. रघु सिन्हा ने कहा कि बर्ड वाचिंग पर्यटन और रोजगार का एक बडा माध्यम बन रहा है। सरकार और स्थानीय लोगों को चाहिए कि पर्यावरण संरक्षण के साथ इसे आगे बढ़ाना चाहिए। लोक कवि मुरली दीवान, जगदम्बा चमोला, ओम प्रकाश सेमवाल ने कविता पाठ कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया तो वहीं शिक्षक दीपक भट्ट, राजमोहन गुंसाई, कैलाश मैठाणी और राजेन्द्र गोस्वामी ने पपेट शो के जरिए पक्षियों के प्रति लोगों को जागरुक किया। महोत्सव मे कोटद्वार से पहुंचे बर्ड वाचर राजीव बिष्ट ने देशभर में पाये जाने विभिन्न पक्षियों की फोटो प्रदर्शनी लगाई।
कार्यक्रम के दूसरे दिन डीएफओ के नेतृत्व में पक्षी विशेषज्ञ एवं बर्ड वाचर का 16 सदस्यी दल चिरबटिया ने 14 किलोमीटर का ट्रैक कर 50 से अधिक दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों की पहचान की। इनमे चीड़ फीजेंट, माउंटेंड हॉक, स्पाटेंड, नट क्रेकर और हिमालयन गिद्ध जैसे विलुप्त होते पक्षी भी देखने को मिले। इससे पहले भी गढ़वाल के लैंसडौन मे भी एक बार बर्ड फेस्टिवल का सफल आयोजन किया जा चुका है। इस बार चिरबटिया में इस आयोजन से क्षेत्रीय जनता उत्साहित है तो वहीं वन विभाग भी पक्षियों के संरक्षण का संदेश जनता तक पहुंचाने मे कामयाब रहा। इस मौके पर दक्षिणी रेंज के रेंजर सुभाषचंद्र नौटियाल एवं ग्राम प्रधान चिरबटिया-लुठियाग दिनेश कैंतुरा, भूपेंद्र कैंतुरा समेत सैकड़ों स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।