पीसीएस एसोसिएशन अध्यक्ष ललित मोहन रयाल ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक को एक कड़ा पत्र लिखकर पीसीएस संवर्ग के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाया |
पत्र में कहा गया कि , निजी नापसंदगी राजशाही में संभव है,लोकशाही में नहीं | राजधर्म का पालन करते हुए प्रजा हित को ही राजा का हित मानने को कहा |
एक तरह एसोसिएशन ने चुनिंदा हाई प्रोफाइल ऑफिस में पसंद-नापसंद पर सवाल उठाए तो साथ ही पीसीएस को खटारा गाड़ी देने पर भी नाराजगी जाहिर की |
रयाल ने कहा कि,6600 से लेकर 8900 ग्रेड पे के पद खाली होने के बाद भी योग्य अफसरों को आईएएस में इंडक्शन नहीं किया जा रहा है | न ही देय वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है | इससे साफ छवि वाले अधिकारियों का मनोबल गिर जाता है |
पीसीएस की नियमित भर्ती नहीं किये जाने पर भी एसोसिएशन ने चिंता जताई | आईएएस के 20 पद 2013 से अब तक खाली ही चल रहे है |
रयाल ने 2007 के बाद भर्ती अधिकारियों की ज्येष्ठता सूची तत्काल जारी करने के साथ देय तिथि से ही सभी लाभ देने की भी मांग उठाई है |
पत्र में पीसीएस संवर्ग के पदों पर दूसरे संवर्ग के अधिकारियों की नियुक्ति पर ऐतराज जताते हुए ऐसे अफसरों को तुरंत मूल विभाग भेजने की मांग की |
पीसीएस एसोसिएशन ने इसे दोयम दर्जे की तैनाती बताते हुए,इसे जनहित की उपेक्षा तथा पदों की गरिमा को तार तार करने वाला बताया |