अनुज नेगी
देहरादून।
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मी शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है। जगलों में लग रही आग से जान और माल दोनों का नुकसान हो रहा है।
कई ऐसे मामले भी सामने आए है,जहां आग ने ग्रामीण क्षेत्र को अपनी चपेट में लिया है। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों के दौरान 39 जगह आग लगने से 62 हेक्टेयर इलाका राख हुआ है, तो अब तक राज्य में कुल 1263 हेक्टेयर जंगल साफ हो चुके है।
इसी क्रम में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वनाग्नि को लेकर आपत बैठक बुलाई है।वहीं उत्तराखंड में जंगलों में आग की बढ़ती हुई घटनाओं को देखते हुए राज्य ने केंद्र से हेलीकॉप्टर और एनडीआरएफ की मांग की गई है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात कर उत्तराखंड में बढ़ती हुई जंगलों की आग की घटनाओं को देखते हुए यह मांग की है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए बताया।
उन्होंने लिखा कि, प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात कर उनसे आग बुझाने हेतु हेलीकॉप्टर और एनडीआरएफ के सहयोग हेतु अनुरोध किया है। वनों की आग से न सिर्फ वन सम्पदा की हानि हो रही है बल्कि जन हानि और वन्य जीवों को भी नुकसान हो रहा है।
वनाग्नि की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों, वन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और सभी जिलाधिकारियों की आपातकालीन मीटिंग बुलायी है। उत्तराखंड की वन सम्पदा सिर्फ़ राज्य ही नहीं पूरे देश की धरोहर है। हम इसे सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए कृत संकल्प हैं। उत्तराखंड में इस बार जाड़ों में वर्षा सामान्य से भी कम हुई है और इस कारण भी वनों में आग लगने की घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं।