देहरादून, 5 जून 2025
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय, देहरादून में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के पथरीबाग परिसर स्थित कृषि फार्म में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के संयुक्त तत्वावधान में वृहद पौधरोपण अभियान चलाया गया।
🌿 पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
इस अभियान का शुभारंभ विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को सभी का नैतिक दायित्व बताते हुए जीवनशैली में हरित आदतें अपनाने की अपील की।
कार्यक्रम में रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. डॉ. मालविका सती कांडपाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। दोनों ही अतिथियों ने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया।
प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने कहा, “प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। पेड़ लगाना केवल एक दिन का कार्य नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य उपहार साबित हो सकती है।”
प्रो. डॉ. मालविका सती कांडपाल ने कहा, “हर छोटा प्रयास मिलकर बड़ा परिवर्तन ला सकता है। हमें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी बनना होगा।”
🌱 नेतृत्व और भागीदारी
इस अभियान का नेतृत्व स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज की डीन प्रो. डॉ. प्रियंका बनकोटी ने किया। उन्होंने कहा कि धरती को हरा-भरा बनाए रखना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। पेड़ पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के साथ-साथ जलवायु संतुलन में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर एनसीसी बालक इकाई के एएनओ डॉ. खिलेंद्र सिंह और बालिका इकाई की एएनओ डॉ. अनुजा रोहिला ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। सैकड़ों फलदार, छायादार एवं औषधीय पौधे लगाए गए।
एनसीसी कैडेट्स और कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं ने इन पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया। विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, शिक्षक और सैकड़ों छात्र इस अवसर पर उपस्थित रहे।
📢 पर्यावरण पर व्याख्यान का आयोजन
विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के भूगोल विभाग द्वारा आईक्यूएसी के तत्वावधान में एलुमनाई लेक्चर सीरीज के अंतर्गत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन भी किया गया।
मुख्य वक्ता एलुमनाई विकास एंथोनी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “हमें पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए। प्लास्टिक के प्रयोग को कम करना अनिवार्य है। हम पूरी तरह से प्लास्टिक को त्याग नहीं सकते, लेकिन उसके प्रयोग को नियंत्रित कर सकते हैं।”
उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “Beat Plastic Pollution” यानी प्लास्टिक प्रदूषण को हराना है, जो अत्यंत प्रासंगिक है।
डीन प्रो. प्रीति तिवारी ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस समाधान की दिशा में बढ़ना आवश्यक है, जबकि प्रो. आशीष कुलश्रेष्ठ ने छात्रों को सिंगल यूज प्लास्टिक से बचने की सलाह दी।
कार्यक्रम का आयोजन भूगोल विभाग की प्रो. गीता रावत, डॉ. ज्योत्सना कुकरेती, और डॉ. सुरिंदर कौर रावल के संयोजन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में कई शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।