बागेश्वर। उत्तराखंड के पहाड़ी जनपद बागेश्वर के कपकोट तहसील में लाकडाउन के दौरान कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा खाकी को शर्मसार करने की घटना सामने आई है।
आप सब लोग जानते ही हैं कि उत्तराखंड पुलिस अपनी ईमानदारी , कर्तव्यनिष्ठा और सेवा के भाव से जानी जाती रही है।
इस कोरोना महामारी के बीच जितना ख्याल जनता का उत्तराखंड पुलिस ने रखा, उसके लिए ही आज तमाम जगह पुलिस के लिए फूलों की बरखा हो रही है और पलक पाँवड़े बिछ रहे हैं।
पर वर्दी की आड़ में गुंडागर्दी करने वाले सख्स अपने महकमे को क़ई बार शर्मशार भी कर चुके।
ऐसे ही पहाड़ी जनपद के बागेश्वर में पुलिसकर्मीयों पर वर्दी वाले गुंडे होने का आरोप लग रहा है।
लॉकडाउन का लाभ उठाते हुए पुलिसकर्मी पर आरोप है कि उसने सिगरेट मांगने के चक्कर में दुकानदार राजू तिरूवा का हाथ तोड़ डाला। साथ ही तिरूवा की बीबी और बच्चों को भी पीट डाला।
चश्मदीदों का कहना है कि पुलिसकर्मी द्वारा घर मे घुसकर मारपीट की गई। जब पीड़ित चिल्लाने लगे तो आस पड़ोस के लोग इकठ्ठा हो गए। उनको इकठ्ठा होते देख पुलिसकर्मी पवन कुमार सटक लेता है। उसके कुछ देर बाद ही उसके साथ दरोगा अकरम अहमद घटनास्थल पर पहुंच कर, पीड़ितों को ही धमकाता है कि ज्यादा मुंह खोला तो तुम्हे फर्जी चरस और शराब के मुकदमों में फंसा लेंगे।
फिर स्थानीय लोगो द्वारा पुलिस अधीक्षक बागेश्वर और एसडीएम कपकोट को फोन किया जाता है। जिसके बाद मौके पर स्वयं एसडीएम, सीओ के साथ पहुंचे। स्थानीय लोगो द्वारा बताया गया कि पुलिस क़ई बार लोगो के साथ मारपीट कर चुकी है।
पुलिस अधीक्षक बागेश्वर के निर्देशों के आधार पर सीओ कपकोट संगीता ने बड़ी कार्यवाही करते हुये आरोपी पुलिसकर्मी पवन कुमार व एस आई अकरम अहमद को बिना वारंट के घर में घुसकर गुंडों की तरह घर के सदस्यों के साथ मारपीट करने के तहत मुकदमा दर्ज किया गया हैं। साथ ही विवादित तिलक राम वर्मा थाना प्रभारी कपकोट से हटा कर जिला मुख्यालय में समायोजित किया गया है।