समाज कल्याण सचिव ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मे दिया गीताराम नौटियाल के पक्ष में शपथ पत्र समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में एसआईटी द्वारा जनपद हरिद्वार की जांच मे गीताराम नौटियाल के विरुद्ध की जा रही मनमानी और एकतरफा जांच की पोल खुलती जा रही है।
मुख्य सचिव तथा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ रणवीर सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देते हुए अवगत कराया गया था कि तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी द्वारा कॉलेजों को उपलब्ध कराई गई छात्रवृत्ति विभागीय नियमों के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है।
गीताराम नौटियाल तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी द्वारा पुलिस के उच्चाधिकारियों एवं एसआईटी के अधिकारियों को कई बार प्रत्यावेदन देते हुए अनुरोध किया था कि उनके द्वारा विभागीय नियमों का पालन करते हुए छात्रवृत्ति की धनराशि वितरण हेतु शैक्षणिक संस्थानों कॉलेजों को वितरण हेतु भेजी गई है किंतु एसआईटी के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा विभागीय नियमों तथा शासनादेशों की गलत व्याख्या करते हुए श्री नौटियाल को घोटाले में आरोपित बनाया जा रहा है।
श्री नौटियाल ने एसआईटी के द्वारा उनके विरुद्ध जांच विवेचना के नाम पर हो रहे लगातार उत्पीड़न के कारण राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली की शरण ली थी।
माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रकरण को अत्यंत गंभीर मानते हुए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, सचिव समाज कल्याण, गृह सचिव तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को नोटिस जारी करते हुए प्रकरण की राष्ट्रीय आयोग के स्तर पर जांच विवेचना का निर्णय लिया गया तथा दिनांक 19-8-2019 को प्रकरण की सुनवाई हेतु तिथि निर्धारित कर दी गई।
राष्ट्रीय आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार सचिव समाज कल्याण द्वारा माननीय राष्ट्रीय आयोग को उपलब्ध कराए गए शपथ पत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी हरिद्वार गीताराम नौटियाल द्वारा नियमों का पालन करते छात्रवृत्ति की धनराशि कॉलेज संस्थानों को उपलब्ध कराई गई है। सचिव समाज कल्याण के शपथ पत्र के बाद राष्ट्रीय आयोग द्वारा अपनी जांच,विवेचना में क्या रुख अपनाया जाता है इसका खुलासा होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय आयोग द्वारा इस प्रकरण की आगामी सुनवाई दिनांक 2-9-2019 को निर्धारित की गई है।
इस तिथि को डीजीपी उत्तराखंड तथा मुख्य सचिव उत्तराखंड को माननीय आयोग के समक्ष उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करनी है।
सूत्रों के अनुसार विभागीय सचिव द्वारा राष्ट्रीय आयोग में दिनांक 19-8-2019 को दाखिल प्रत्युत्तर/ शपथ पत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि श्री नौटियाल द्वारा तत्समय प्रचलित शासनादेश का पालन करते हुए ही छात्रवृत्ति की धनराशि संबंधित कॉलेज और संस्थानों को प्रेषित की गई है।
इससे पूर्व विभागीय स्तर अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण डॉ रणवीर सिंह तथा मुख्य सचिव माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में शपथ पत्र दाखिल कर चुके हैं कि तत्समय प्रचलित शासनादेशों में छात्रवृत्ति की धनराशि कॉलेजों के माध्यम से वितरण की व्यवस्था थी। एसआईटी द्वारा विभागीय शासनादेश की गलत व्याख्या कर प्रताड़ित करने का जो आरोप श्री नौटियाल द्वारा इस एसआईटी पर लगाया गया था।
आरोप की पुष्टि सचिव, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव के शपथ पत्रों से स्वत: हो गई है।
एसआईटी द्वारा शासनादेश के दिशा निर्देशों के विपरीत की जाने वाली जांच के संबंध में राष्ट्रीय आयोग को जवाब देना मुश्किल होगा।