स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को चार बिंदुओं में कोरोना के खिलाफ लड़ने को कहा है । न्यायालय ने आम लोगों की मदद से प्लाज्मा दान करने वालों को आगे लाने की बात कही है । न्यायालय ने जिलाधिकारी देहरादून को ऑक्सीजन सप्लाई वालों की फ्रेश लिस्ट बनाकर लोगों तक पहुंचाने को कहा है ।
देहरादून निवासी समाजसेवी अनू पंत ने राज्य में गिरते स्वास्थ्य स्तर को लेकर वर्ष 2019 में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका डाली थी । उच्च न्यायालय में अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि, अनू ने वर्तमान के कोविड हालातों को देखते हुए उच्च न्यायालय से अर्जेंट सुनवाई की अपील की जिसे मान लिया गया ।
न्यायालय ने सरकार से कोविड संबंधी एप में प्रदेश के अस्पताल में बैड, ऑक्सीजन, आई.सी.यू.और वेंटिलेटर की स्थिति को हर छह घंटे में दिल्ली तेलंगाना और राजस्थान की तरह रियल टाइम अपडेट करने को कहा है ।
इसके अलावा खंडपीठ ने रैमडीसीवर व अन्य दवाओं की कालाबाजारी और चोरी रोकने के लिए क्यू.आर.कोड लगाने को कहा है । मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि, जो लोग कोरोना से उभर रहे हैं उन्हें प्लाज़्मा दान करने के सरकार अपने स्तर से प्रोत्साहित करे ।
अंत में खंडपीठ ने सभी जिलाधिकारियों से स्थानीय जनता और एन.जी.ओ.व अन्य का साथ लेकर युद्ध स्तर से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश के सामने देहरादून जिलाधिकारी द्वारा बीती 26 अप्रैल को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए जारी एक लिस्ट रखी गई । इस लिस्ट में 10 में से केवल 3 नंबर ही काम के मिले, जिसे न्यायालय ने गंभीरता से लिया और देहरादून समेत प्रदेश के सभी अन्य जिलाधिकारियों को फ्रेश औऱ काम करने वाली लिस्ट जारी करने को कहा है ।