रिपोर्ट: आरती पुरोहित
उत्तराखंड सरकार सड़कों पर रह रहे बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने हेतु जल्द ही स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी लेकर आ रही है, जिसका ड्राफ्ट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार तैयार कर लिया गया है।
प्रदेश में स्ट्रीट चिल्ड्रन की संख्या पर्वतीय क्षेत्रों के मुकाबले मैदानी क्षेत्रों में ज्यादा है। इन्हे अलग – अलग श्रेणियों जैसे की निराश्रित, भिक्षावृत्ति, बालश्रम, और बेसहारा कूड़ा बिनने, में वर्गीकृत किया गया है।
इन्ही स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुनर्वास के संदर्भ में सरकार ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार कुछ समय पहले स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी बनाने का कार्य शुरू किया। इसके लिए सरकार ने विभिन्न विभागों से राय ली है।
विभन्न विभाग जैसे की शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, खाद्य, समाज कल्याण एवं श्रम इसी संबंध में आपस में समन्वय कर ऐसे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, खाद्य, कौशल विकास, पुनर्वास, और रोजगार के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं।
इस नीति का ड्राफ्ट बनकर तैयार कर हो चुका है, जिसे स्वीकृति के लिए जल्द ही फरवरी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा।
इस पॉलिसी के लिए सरकार विभिन्न गैर कानूनी संस्थानों के साथ ही समाज के अलग अलग वर्गों से सुझाव ले रही है।