भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा एडवोकेट सुब्रमण्यम स्वामी ने पद्मनाभस्वामी मंदिर का केस जीत लिया है। पद्मनाभस्वामी मंदिर अब फिर से त्रावणकोर की एक्स रॉयल फैमिली के पास चला जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तराखंड में देवस्थानम एक्ट के विरोध में खड़े पुरोहितों और हक हकूक धारियों को भी फैसला अपने हक में आने की उम्मीद जगी है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने इस फैसले पर खुशी जताई है।
इस फैसले के बाद इस तरह के अन्य मुकदमों में भी इसी तरह का फैसला आने की संभावना है। जैसे ही सुब्रमण्यम स्वामी ने इसकी जानकारी दी, मंदिरों को सरकारों के अधिकार में दिए जाने के विरोध में खड़े लोगों के अंदर खुशी की लहर दौड़ गई। गौरतलब है कि उत्तराखंड में पिछले दिनों लोकसभा सांसद अजय भट्ट ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि इस तरह का कानून नहीं आना चाहिए था।
अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा बनाए गए इस एक्ट के खिलाफ जाकर अपनी राय रखी थी और कहा था कि कोई भी एक्ट तब तक नहीं बनाना चाहिए, जब तक वह एक्ट उससे संबंधित जनता के मत के खिलाफ हो।
बिना जनता की राय के ऐसे एक्ट थोपे जाना गलत है। गौरतलब है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देवस्थानम एक्ट पर सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका पर बहस कंप्लीट होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पद्मनाभस्वामी प्रकरण में फैसला आने के बाद तीर्थों के पंडे पुजारियों में भी उत्साह का माहौल है।
गौरतलब है कि देवस्थानम एक्ट के अंतर्गत उत्तराखंड के लगभग 52 मंदिरों को सरकार के नियंत्रण में लाया गया है।
इसका मंदिरों से जुड़े हुए मंदिर से जुड़े हुए लोग विरोध कर रहे हैं।