22 जून 2025 | मोरी (उत्तरकाशी)। नीरज उत्तराखंडी
उत्तरकाशी जनपद के सीमावर्ती मोरी प्रखंड अंतर्गत गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में ग्राम पंचायत गंगाड़, पवाणी और ओसला गांवों को जोड़ने वाला सुपिन नदी पर बना पुल इस समय बेहद जर्जर स्थिति में है। पुल की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि ग्रामीणों की आवाजाही जोखिमभरी हो गई है। हाल की भारी बारिश ने इसकी स्थिति और भी अधिक नाजुक बना दी है। लेकिन प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्ण की नींद सोए हुए हैं।
ग्रामीणों ने जताई चिंता
स्थानीय ग्रामीण सैन सिंह, प्रदीप राणा, विजय सिंह, दफ्तर चौहान और राजेश पंवार ने बताया कि यह पुल तीन गांवों को जोड़ने का एकमात्र जरिया है। राशन की आपूर्ति, दैनिक आवागमन, बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाने और अन्य आवश्यक गतिविधियों के लिए इसी पुल पर निर्भरता है। ग्रामीणों ने चिंता जताई कि अगर यह पुल पूरी तरह टूट गया तो उनका संपर्क मुख्य मार्गों से कट जाएगा।
पंचायत चुनाव के दौरान बढ़ेगा खतरा
आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए भी यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है। प्रत्याशियों, मतदानकर्मियों और ग्रामीण मतदाताओं को इसी पुल से होकर गंगाड़ गांव तक पहुंचना होगा। ऐसे में पुल की जर्जर स्थिति चुनाव प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकती है। फिलहाल, क्षेत्र में कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है, जिससे आवाजाही संभव हो सके।
प्रशासन से की सुरक्षित आवाजाही की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और वन विभाग से तत्काल पुल की मरम्मत या वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है ताकि जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वन विभाग से नहीं मिल सका पक्ष
सुपिन रेंज के रेंज अधिकारी गौरव अग्रवाल से जब इस संबंध में विभागीय पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, तो उनका मोबाइल फोन लगातार रिंग करता रहा लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। जैसे ही उनसे संपर्क संभव होगा, उनका पक्ष समाचार में अपडेट किया जाएगा।