रुड़की के इमलीखेड़ा इलाके में लंबे समय से टैंकरों से तेल चुराने वाला माफिया और उसके गुर्गे ग्रामीणों ने पकड़ लिए, लेकिन जब उन्होंने मौके पर पुलिस को बुलाया तो पुलिस और खाद्य विभाग ने उन्हें आराम से जाने दिया।
मौके पर ग्रामीणों ने इन तेल चोरों की जो वीडियो बनाई, उसमें तेल से भरे हुए पीपे, तेल निकालने वाला कीप और अन्य बर्तन मौके पर ही रखे हुए थे।
देखिए वीडियो 1
वीडियो में आप इसे साफ देख सकते हैं। लेकिन जब पर्वतजन ने जिला पूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल से तेल माफिया के इस प्रकरण के संबंध में पूछताछ की तो जिला पूर्ति अधिकारी ने कहा कि मौके पर सील लगी हुई थी और तेल भी कम नहीं था, इसलिए टैंकर को छोड़ दिया गया।
देखिए वीडियो 2
अहम बात यह है कि यदि सब कुछ ठीक था तो………..
पहला सवाल यह है कि यह टैंकर मेन रोड से हटकर इस कच्चे रास्ते पर सुनसान में क्यों खड़ा था ?
दूसरा सवाल यह है कि इसके दो तीन कर्मचारी तेल निकालने वाले स्थान पर छेड़छाड़ क्यों कर रहे थे ?
तीसरा सवाल यह है कि जमीन पर रखे हुए पीपे में तेल कहां से आया था ?
चौथा सवाल यह है कि उस जगह एक पीपे के ऊपर तेल निकालने वाला कीप क्यों रखा हुआ था ?
पांचवा सवाल यह है कि जब जिला आपूर्ति अधिकारी और उनकी टीम से ग्रामीणों ने शिकायत की तो उनका संज्ञान क्यों नहीं लिया !
क्या इन सवालों के जबाब हैं किसी के पास !
दरअसल यह लोग सुनसान जगह पर टैंकर को रोककर तेल चुरा रहे थे और दो पीपे भरने के बाद यह तीसरा पीपा भरने के लिए फिर से सील खोल रहे थे।
तब तक ग्रामीणों ने इन्हें देख लिया और उनकी वीडियो बना ली थी। यह तेल माफिया काफी लंबे समय से इसी तरह से तेल चोरी कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत कई बार जिलाधिकारी एसएसपी और खाद्य आपूर्ति अधिकारियों से की लेकिन ऐसा लगता है कि सारे लोग मिले हुए हैं।
यही कारण है कि जब ग्रामीणों ने रंगे हाथों इन लोगों को पकड़ा उसके बावजूद पुलिस से लेकर खाद्य आपूर्ति अधिकारी तक ने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। और जब ग्रामीण इन वीडियो को लेकर स्थानीय पत्रकारों के पास गए तो बद्री विशाल के अलावा किसी ने भी उनकी खबर तक नहीं छापी।
उसके बाद ग्रामीणों ने पर्वतजन से संपर्क किया।
ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध कराए गए इन वीडियो को आप जरूर देखिए और इस खबर को इतना शेयर कीजिए कि उच्चाधिकारियों को इस बात का अहसास हो सके कि आखिर वे लोग क्या इसी बात की तनख्वाह लिए रहे हैं !!