स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रुद्रपुर शहर में 16 राशन के दुकानदारों द्वारा पूर्ति निरीक्षक के साथ मिलकर गरीबों को सड़ी दाल बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेस करने को कहा है। साथ मे न्यायालय ने ए.डी.एम.जगदीश चन्द्र कांडपाल को नोटिस जारी किया है।
मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में रुद्रपुर निवासी किरनदीप सिंह विर्क की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई ।
याची ने न्यायालय से कहा कि, रुद्रपुर में 16 सरकारी सस्ते गल्ले के दुकानदारों ने पूर्ति निरीक्षक के साथ मिलकर गोदामों में सडी दालों को राशनकार्ड धारकों को बेच दिया । जब इन दालों का सैम्प्पल, लैब भेजा गया तो लैब ने ये सैम्पल फेल कर दिए।
जब इसकी शिकायत डी.एस.ओ.से की गई तो उन्होंने इनके लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए, परन्तु जिला प्रसाशन ने अभी तक इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि, रुद्रपुर में 40 प्रतिशत कार्ड ऐसे अपात्र लोगो के बने हैं, जिनकी सालाना आय करोड़ो व लाखों में है। जबकि नियमावली के अनुसार सफेद राशनकार्ड बनाने के लिए आवेदक की मासिक आय 15 हजार और सालाना आय एक लाख अस्सी हजार से ज्यादा नही होनी चाहिए । ये अपात्र लोग सालाना, लाखों का टैक्स भरते है इसलिए इन अपात्रों के कार्ड निरस्त किये जाएं।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि, ये 16 राशन की दुकानें कई पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आई हैं, जिससे प्रतीत होता है कि यह उनकी पैतृक सम्पति होगी लिहाजा इनको हटाया जाए।