रिपोर्ट- राजकुमार सिंह बागेश्वर
पर्वतजन की खबर की प्रामाणिकता पर मोहर लगाती आरटीआई में प्राप्त सूचना। एक जुलाई की वार्ता में जिला पंचायत में आन्दोलनरत सदस्यों से समाधान वार्ता करने पहुंचे उपजिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, तहसीलदार नवाजिश ख़लिक़,नायब तहसीलदार दीपिका आर्या,की मौजूदगी में प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी अभियंता एस पी कोठियाल ने अध्यक्ष बसन्ती देव द्वारा दिया “उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016” पढ़ा गया वो पूरी तरह से फर्जी निकला। जिसका उस समय धरने पर बैठे सभी नौ सदस्यों ने विरोध व्यक्त किया था परन्तु मौजूद प्रशासन द्वारा इस पर कोई कार्यवाही अमल में नही लाई गई थी।
आपको बताते चलें, पिछले 15 जून से लगातार जिला पंचायत परिसर में आंदोलनरत जिला पंचायत सदस्यों से जिला पंचायत अध्यक्ष की एक जुलाई की वार्ता एक बार फिर विफल रही। अध्यक्ष द्वारा धरने पर बैठे सदस्यों को दिखाया गया एक्ट जो सूचना के अधिकार में प्राप्त हुआ वो गलत पाया गया। धरने मे बैठे जिपं सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पंचायत एक्ट की गलत जानकारी उपलब्ध कराकर सदस्यों को गुमराह कर रही है इसलिए उन पर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने इस पर जल्द कार्यवाही न होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है।
अध्यक्ष द्वारा अपने साथ लाई गई नई पंचायत नियमावली मे समिति के कार्यकाल को दो वर्ष का बताकर नियमसंगत करार दे दिया गया। आन्दोलन पर बैठे सदस्यों ने इस नई नियमावली पर सवाल उठाते हुए इसका विरोध किया। अध्यक्ष अपने साथ लाई एक्ट और सदस्यो को दिए गए एक्ट दोनो मे समितियों के कार्यकाल को लेकर दी गयी बाते अलग अलग निकली। धरने मे बैठे सदस्यो ने एक्ट के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया।
उन्होंने प्रशासन से जिला पंचायत के एक्ट को सीज करने को कहा और एक्ट को लेकर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष के द्वारा दिए गए एक्ट को गलत बताया और सदस्यो को भ्रमित करने की बात कही। वही जिपं अध्यक्ष ने बताया था कि यह नया एक्ट है जो उन्हें पंचायती राज विभाग से मिला है। जो पूर्ण रूप से ठीक है, सदन के सभी कार्य इन्ही नियमों के आधार पर संचालित किए जा रहे हैं। आज फिर एक बड़ा यह सवाल उठने लगा है कि आंखिर आज तक जिला पंचायत इस गलत एक्ट के सहारे संचालित की जा रही थी।
शनिवार को धरने में बैठे पूर्व जिपं अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य शामा द्वारा लोक सूचना अधिकारी, जिलापंचयत कार्यालय से सूचना का अधिकार 2005 के अन्तर्गत जीवन मरण से सम्बंधित तत्काल जानकारी के लिए आवेदन किया था। जिसका जवाब आज मंगलवार सुबह 10 बजे धरनास्थल पहुंचने पर प्राप्त हुआ। जिसने यह साबित कर दिया कि अध्यक्ष द्वारा लाया गया एक्ट पंचायत में लागू नही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आन्दोलन पर बैठे सदस्यों द्वारा ज़िलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक बागेश्वर को लिखे कार्यवाही पत्र पर क्या एक्शन होता है।या सरकार के दबाव में ठण्डे बस्ते की कार्यवाही नजर आती है। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार, जिला पंचायत सदस्य हरीश ऐठानी, सुरेंद्र सिंह खेतवाल, रूपा कोरंगा, इंदिरा परिहार, वंदना ऐठानी, गोपा धपोला, पूजा आर्या, रेखा देवी आदि मौजूद थे।
हरीश ऐठानी, पूर्व अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य शामा –
अध्यक्ष को किसी धरने से कोई लेना देना नही है। वह लगातार विपक्ष पर राजनीति का आरोप लगाती नजर आ रही थी वह सब निराधार है। हम अपने लिए नही क्षेत्र के विकास के लिए धरने पर बैठे हैं और जब तक हमारी माँगे नहीं मानी जायेगी हम यहाँ से कहीं हिलने वाले नही हैं।
गोपा धपोला, जिला पंचायत सदस्य –
अध्यक्ष अपने साथ लाई एक्ट को मेरी व्यक्तिगत किताब बोल रही थी, आज प्राप्त सूचना के आधार पर प्रमाणित हो गया है कि यह उनका अपना व्यक्तिगत एक्ट है।
नवीन परिहार, उपाध्यक्ष जिला पंचायत –
संविधान से छेड़छाड़ कर सम्मानित सदस्यों को गुमराह करना एक संवैधानिक पर पर रहते हुए निन्दनीय कार्य है। जिसकी में निन्दा करता हूँ और जिला प्रशासन से इस पूरे प्रकरण में उचित कार्यवाही की उम्मीद करता हूँ। जिससे कि निकट भविष्य में इस प्रकार के कार्य की पुनरावर्ती न होने पाए।
गोपा ने की कल से आमरण आंदोलन की घोषणा –
आंदोलनकारी सदस्यों में भैरुचौबट्टा से जिलापंचायत सदस्य गोपा धपोला ने शीघ्र समाधान नही होने पर कल सुबह 11 बजे से आमरण अनशन की चेतावनी देते हुए अपर मुख्य अधिकारी जिलापंचायत डॉ सुनील कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला पंचायत के अधिकारी कर्मचारी तो ऐसे बात करने आ रहे हैं जैसे कोई भैंस बेचने वाला व्यक्ति ख़रीदने वाले से बॉर्गनिंग करता है। पहले 55 फिर 30 व 20 प्रतिशत विवेकाधीन की बात कर रहे हैं।