रिपोर्ट- राजकुमार सिंह परिहार
बागेश्वर। नगर में सरयू नदी पर बनी पुल में दरारें आ चुकी हैं। जिससे कभी भी खतरा बना हुआ है। पुल में आई दरार के साथ ही पुल की प्लेट व गार्डर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पुल में हल्का झुकाव भी प्रतीत हो रहा है परंतु अब तक लोनिवि ने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया है जिससे प्रतीत होता है कि उसे किसी दुर्घटना का इंतजार है।
वर्ष 1913 में बागेश्वर में ब्रिटिश शासकों ने पैदल झूला पुल का निर्माण किया गया था। तब से यह पुल बागेश्वर का प्रमुख आकर्षण रहा है तथा यह बागेश्वर की प्रमुख पहचान बनी हुई है। इसी के चलते प्रशासन द्वारा भी पुल की समय समय पर मरम्मत कराई भी गई परंतु इसके प्राचीन स्वरूप को बदला नहीं गया। कुछ साल पूर्व इस पुल की मरम्मत कराई गई थी परंतु उसके कुछ साल बाद ही यह पुल पुनः क्षतिग्रस्त होने लगा था। इधर गत वर्ष से पुल काफी क्षतिग्रस्त होने लगी जिस पर इस साल उत्तरायणी मेले में भी इस पुल को प्रशासन ने मेलार्थियों के लिए बंद कर दिया था जिसका व्यापारियों ने विरोध भी किया था। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने सुरक्षा के चलते लोनिवि व पुलिस को इस पुल में निर्धारित संख्या से अधिक लोगों को न गुजरने के आदेश दिए थे साथ ही पुल की मरम्मत के आदेश दिए परंतु इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। लोक निर्माण विभाग द्वारा भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तथा लोनिवि भी इस पुल में मात्र रंग रोगन तक ही सीमित रही उसका ध्यान पुल की मरम्मत की ओर नहीं गया। जिससे पुल लगातार क्षतिग्रस्त होती रही तथा इन दिनों पुल के अपार्टमेंट में दरार आ गई हैं व प्लेटें व साइड गार्डर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं इसके बाद भी लोनिवि ने इसकी जानकारी प्रशासन को देते हुए पुल के खतरे से अवगत कराने की जहमत उठाई।
पुल में खतरे होने की आशंका पूर्व से ही व्यक्त की जा रही थी जिस पर पुलिस व लोनिवि को आदेश दिए थे परंतु दरार आने की जानकारी आपके माध्यम से मिल रही है। मैं तत्काल प्रभाव से झूला पुल में आवागमन बंद करने के आदेश पुलिस को दे रही हूं।
अनुराधा पाल, जिलाधिकारी