पेड़ो ने बनाया रेंजरों को मालामाल, मौज ले रहे दलाल
रिपोर्ट- अनुज नेगी
देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व की गोहरी रेंज वन महकमे के लिए सरदर्द बन चुकी है। इस रेंज के कारनामे राज्य में सुर्खियां बटोरते रहते है। एक बार फिर इस रेंज का काला कारनामा चर्चा बना हुआ है। सूत्रों की माने तो मामला इस रेंज के चर्चित व अपने काले कारनामो के चलते अटैच्ड रेंजर धीर सिंह के समय का है। बीते 26 सितंबर को इस रेंज के चर्चित लक्ष्मणझूला छेत्र में राजनैतिक माफियाओ के पिट्ठुओं ने एक विशालकाय शीशम के पेड़ पर आरी चला दी। इसकी एवज में कुछ चर्चित जिम्मेदारों ने मलाई भी चाटी। देर रात मस्तराम बाबा आश्रम में काटे गए इस पेड़ पर जब एक छोटे फारेस्ट गार्ड ने कार्यवाही करनी चाही तो बीच मे दलाली खा रजे इस क्षेत्र के जिम्मेदार वन दरोगा ने रेंजर का हवाला दे मामले को रफा दफा कर दिया।
मामले जब तक शांति से निपटता इससे पहले ही हल्ला मच गया। बेचारे समय का इंतजार करते रहे, मगर इससे पहले वे कुछ कर पाते, उससे पहले ही रेंज में आये नए रेंजर बृजबिहारी शर्मा ने कार्यवाही को लेकर पहल शुरू कर दी। कार्यवाही की बात से ही कुछ वनकर्मियों की करतूतों से पर्दा उठाना शुरू हो जाएगा।
कुख्यात रहा है पिछले रेंजर व लक्ष्मणझूला इंचार्ज का इतिहास
बीते एक साल से गोहरी रेंज ने वन महकमे की नाक में दम कर रखा है। पूर्व रेंजर धीर सिंह व सेक्सन अधिकारी अजीत सोम के कारनामे, विभाग की साख व खाकी वर्दी पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे है। इस रेंज में स्थित शराब के ठेके को कोर एरिया में जमीन देने या फिर कुछ समय के दौरान कुछ निजी फर्मो द्वारा किये गए कार्यो की अगर जांच हो तो घोटाले का जिन्न बाहर निकल सकता है। बता दें कि, इनके कारनामो के बाद स्थानीय विधायक ने धीर सिंह के ख़िलाफ़ खुला मोर्चा खोला था। जिसके बाद धीर सिंह को अटैच्ड कर दिया गया, सूत्रों की माने तो पार्क के उच्चाधिकारियों की कृपा व चरणवन्दना से धीर सिंह फिर गोहरी रेंज में आना चाहाते है। वहीं पेड़ काटने के इस मामले में क्या वन महकमा धीर सिंह व अजीत सोम पर कार्यवाही करेगा या फिर उनके आगे झुकेगा यह वक्त बताएगा।
“मेरे संज्ञान में पेड़ कटान का मामला आ गया है इसकी जांच की जाएगी जो भी दोषी होगा उस पर उच्चित कार्यवाही की जाएगी। बृजबिहारी शर्मा, वन क्षेत्रीय अधिकारी गोहरी रेंज