कृष्णा बिष्ट
उत्तराखंड में जहां उत्तराखंड सरकार क्वॉरेंटाइन में चली गयी, मुख्यमंत्री सहित तीन अन्य मंत्री होम क्वॉरेंटाइन में चले गए है, मुख्यमंत्री सचिवालय भी 3 दिन के लिए बंद कर दिया गया है और प्रवासियों को लगभग भगवान भरोसे छोड़ दिया गया, वहीं इस घोर निराशा के बीच दो उम्मीद की किरणें भी देखने को मिली है।
मुंबई से उत्तराखंड के प्रवासियों को एअरलिफ्ट कराना शुरू हो गया है, वहीं चार चार महीने से बिना तनख्वाह काम करने वाले वार्ड बॉय से लेकर बिना पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के दिन रात मेहनत में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के अथक परिश्रम के बाद कल एक दिन मे ही रिकॉर्ड 120 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो गए।
वाकई इन असल कोरोना वारियर्स को एक सलाम तो बनता है। अब भले ही इनकी मेहनत को भी क्वारंटाइन में चल रही सरकार अपनी सफलता बताने के लिए गुजरात की तर्ज पर तीन तिकड़म करें लेकिन विगत 4 महीनों से कोरोना के खौफ के साए तले जी रहे उत्तराखंड की जनता के लिए यह दो घटनाएं माथे पर शिकन नहीं बल्कि सुकून लाने वाली हैं।
पुणे से उत्तराखंडी प्रवासियों का एअर लिफ्ट शुरू
सोशल एक्टिविस्ट उमेश कुमार के प्रयासों और संबंधों की बदौलत पिछले 2 महीने से लोनावाला महाराष्ट्र में फंसे उत्तराखंड के प्रवासी कल शाम हवाई जहाज से दिल्ली पहुंच गए हैं।
अब इन्हें दिल्ली से देहरादून लाया जाएगा। इन लोगों के पास राशन खत्म हो गया था और जेब के पैसे भी।
इन्हें पहले उमेश कुमार की टीम के द्वारा सड़क मार्ग से पुणे लाया गया और फिर शाम को हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया। पहला एअरलिफ्ट सकुशल पूरा हो गया है और अब जल्दी ही भारी मात्रा में प्रवासियों को एयरलिफ्ट कराना शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल क्रिकेटर मोहम्मद शमी को छोटा भाई कहने वाले उमेश कुमार ने उनसे प्रवासियों को एअरलिफ्ट कराने में मदद करने के लिए कहा था। इस पर मोहम्मद शमी ने तत्काल हां कर दी थी और एक प्लेन उपलब्ध कराने की की व्यवस्था कर दी थी।
इसके अलावा मोहम्मद शमी लॉक डाउन शुरू होने से लेकर अभी तक विभिन्न रसोइयों से ₹15000 को भोजन-पानी भी उपलब्ध करा रहे हैं।
कल रिकार्ड 120 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज
उत्तराखंड में जहां कल से पहले पूरे तीन महीने तक टोटल डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या 102 थी, वहीं कल ही कल में 1 दिन में 120 मरीजों के डिस्चार्ज होने की खबर ने कोरोनावायरस से लड़ रहे मरीजों को एक नया हौसला तो दिया ही साथ ही यह खबर उत्तराखंड की आम जनता के जहन से भी कोरोना का डर काफी हद तक खत्म कर देनी वाली है।
ठीक होने वाले मरीजों में नैनीताल के सबसे अधिक 86 मरीज थे। हालांकि पहले से ही सवालों के घेरे में चल रहे स्वास्थ्य विभाग की इस उपलब्धि पर फिलहाल विस्मय ही व्यक्त किया जा सकता है कि परसों ही रेड जोन में आए नैनीताल में अचानक कल ही 86 मरीज भला कैसे ठीक हो गए !
अब यह माना जा सकता है कि कोरोना पहले के मुकाबले कमजोर हुआ है और उसका असर भी कम हुआ है।