कोरोना ब्रेकिंग : तीन डॉक्टर, एक पुलिसकर्मी सहित 158 संक्रमित। टोटल 907, नैनीताल रेड जोन ,उधम सिंह नगर ग्रीन
उत्तराखंड हेल्थ बुलेटिन के अनुसार आज उत्तराखंड में कुल 158 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार आज कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 907 पहुंच गया है। हालांकि वास्तविक कोरोना संक्रमित के आंकड़े 1075 बताए जा रहे हैं।
आज शाम को पॉजिटिव पाए गए लोगों में चंपावत के 3 डॉक्टर तथा एक पुलिसकर्मी भी शामिल है।
उत्तराखंड सरकार के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार आज शाम को देहरादून में 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जिसमें से 22 लोग दिल्ली से लौटने वाले पूर्व से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे और इनका टेस्ट प्राइवेट लैब में किया गया था तथा दो अन्य मरीज अलग से भी पॉजिटिव पाए गए हैं।
हरिद्वार में 2 मरीज मुंबई से लौटे हुए पॉजिटिव पाए गए हैं। तथा
नैनीताल में 31 मरीज महाराष्ट्र और पुणे से लौट कर आए थे वह भी संक्रमित पाए गए हैं।
टिहरी में मुंबई से लौटने वाले 3 मरीज पॉजिटिव मिले हैं। जिनमें से एक का कुछ खास पता नहीं चल रहा है।
अल्मोड़ा से 18 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसमें से 15 मुंबई से दो दिल्ली से और एक उत्तर प्रदेश के हापुड़ से लौट कर आए थे।
उत्तरकाशी का एक मरीज गुड़गांव से लौटा है तथा इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
इसके साथ ही उधम सिंह नगर से 20 मरीजों का सैंपल पॉजिटिव आया है जो महाराष्ट्र प्रयागराज चेन्नई बिहार बैंगलोर हिमाचल आदि राज्यों से आए हैं।
चमोली में 2 मरीजों का सैंपल पॉजिटिव निकला है यह दोनों दिल्ली से लौटे हैं।
नैनीताल रेड जोन, उधम सिंह नगर ग्रीन जोन क्यों ! दून हरिद्वार पर चुप्पी क्यों !
उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल को रेड जोन में शामिल कर लिया है तथा उधम सिंह नगर को ग्रीन जोन की कैटेगरी में ले आए हैं। गौरतलब है कि नैनीताल में अभी तक 258 मरीज सामने आ चुके हैं जबकि उधम सिंह नगर में 82 मरीजों के बाद इसे ग्रीन जोन घोषित किया गया है।
देहरादून 214 मरीज होने के बावजूद क्यों ऑरेंज जोन में है ! और हरिद्वार में 2544 सैंपल के रिजल्ट अभी भी क्यों रुके हुए हैं तथा यहां पर वर्तमान में 68 मरीज पॉजिटिव आ चुके हैं। इसके बावजूद हरिद्वार ऑरेंज जोन में क्यों रखा गया है और क्यों इसके रिजल्ट रोके गए हैं !
यह एक अबूझ पहेली बनती जा रही है।
संभव है कि सरकार ने देहरादून और हरिद्वार को रेड जोन में इसलिए नहीं लिया क्योंकि यहां पर आर्थिक गतिविधियां संचालित रहनी चाहिए, ऐसा संभवत आ सरकार सोचती है। इसके साथ ही उधम सिंह नगर जैसा जिला आर्थिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र है संभवत इसे इसलिए ग्रीन जोन में लाया गया है।
वास्तविक कारण चाहे जो भी हो लेकिन जोन के निर्धारण को लेकर सरकार का यह निर्णय वाकई चौंकाने वाला है।