यूपीसीएल प्रति वर्ष लगाता है 28 करोड़ का चूना
– अमर एस धुंता
उत्तराखंड में 21,07,732 घरेलू व 2,30,715 व्यवसायिक कुल 23,38,447 बिजली के मीटर हैं। विधुत मीटर में लगातार जलने वाली लाल हरी लाईट से यदि रूपए 10/- प्रति माह की विधुत खपत होती है तो उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन को हर माह रूपए 2,33,84,470/- प्रति वर्ष रुपए 28,06,13,640/- की अतिरिक्त आय होती है और फिर भी उपाकालि घाटे का रोना रोकर टैरिफ बड़ा देता है।
यह वो खपत है जिसका कोई उपयोग जनता नहीं करती। विधुत पोल से विधुत मीटर तक किसी भी खपत के लिए विभाग जिम्मेदार है। विधुत मीटर से आगे घर में होने वाली खपत का जिम्मेदार उपभोक्ता है।
चुंकि प्रति मीटर लगभग रुपए 10/ – प्रति माह का बोझ उपभोक्ता पर पड़ता है। जिसे वह कोई तवज्जो नहीं देता और विधुत विभाग चांदी काट लेता है। इस बोझ के कारण उपभोक्ता को फिक्स चार्ज का चूना लगता है सो अलग। फिक्स चार्ज के रुप में लगने वाला चूना भी करोड़ों में होता है। इस पर आमजन को आवाज उठानी पड़ेगी वरना इसी तरह लुटते रहना पड़ेगा।