उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर भगवती प्रसाद नौटियाल का देहरादून में निधन हो गया। भगवती प्रसाद नौटियाल का निधन पहाड़ के लिए अपूरणीय क्षति है।
डॉक्टर भगवती प्रसाद नौटियाल नाबार्ड के महाप्रबंधक रहे हैं , साथ ही उद्यान विभाग में निदेशक और भरसार विश्वविद्यालय में डीन के पद पर भी रहे कार्यरत रहे हैं।
कुछ ही साल पहले सरकारी सेवानिवृत्ति के बाद वह अध्ययन में व्यस्त रहे ,नाबार्ड में मैनेजर रहने के दौरान टिहरी में उन्होंने शिल्पी इंपोरियम जैसे विशिष्ट इनोवेशन की स्थापना की थी। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉक्टर नौटियाल मुख्य रूप से कृषि व उद्यान वैज्ञानिक रहे।
डॉक्टर भगवती प्रसाद नौटियाल का जन्म टिहरी जिले के सेमल्थ गांव में जाने माने विद्वान परमानंद शास्त्री जी के घर में हुआ।
शुरु से ही डॉक्टर भगवती प्रसाद नौटियाल की सादा जीवन और उच्च विचार की सोच रही हैं। इनके पिता ने लाहौर से पढ़ाई की उसके बाद शिक्षक रहे।
ओर भगवती प्रसाद नौटियाल ने राजकीय इंटर कॉलेज घुमेटीधार से पढ़ाई की और फिर गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से एमएससी वनस्पति विज्ञान किया।
पहले इंटर कॉलेज पौखाल में शिक्षक बने और फिर विश्वविद्यालय में ही प्रवक्ता बन गए थे। बाद में नाबार्ड में मैनेजर पद पर चयन हो गया। देश के कई प्रांतों में सेवाएं दी ।
फ़िर उसके बाद भरसार विश्वविधालय में डीन के पद पर रहे। उसी दौरान भरसार विश्वविधालय के परिसर के विस्तार और चिरबटिया परिसर की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।