रिपोर्ट/बिजेंद्र राणा
उत्तराखंड में ब्यूरोक्रेट्स की मनमानी की खबरें सामने आती रहती हैं। कुछ ऐसी ही एक खबर सामने आई है जहां उपनिदेशक गोविंद वन्यजीव राष्ट्रीय पार्क पर गंभीर आरोप लगे हैं।
पत्र में उपनिदेशक गोविंद वन्यजीव राष्ट्रीय पार्क पुरोला पर जनता के साथ दुर्व्यवहार एवं कमीशन के जैसे गंभीर आरोपों का जिक्र किया गया है। साथ ही गोविन्द वन्य जीव / राष्ट्रीय पार्क, पुरोला में उप निदेशक के पद पर तैनात डी०पी० बलूनी का क्षेत्रीय जनमानस एवं जन प्रतिनिधियों के साथ व्यवहार सही नहीं होने के दृष्टिगत इनका जनहित में स्थानान्तरण किये जाने का भी उल्लेख किया गया है।
पत्र में यह भी बताया गया है कि मुआवजे के संबंध में इनका कहना है कि मुझे या सबूत चाहिए अन्यथा में किसी भी प्रकार मुआवजा नहीं दूंगा। एक आम आदमी जंगली जानवर का क्या ठोस सबूत देगा,ये समझ से परे है। इनके द्वारा फील्ड में भी भ्रमण नहीं किया जाता है।
वन विभाग के इस अधिकारी के स्थानांतरण के लिए मुख्य वन संरक्षक से लेकर मुख्यमंत्री एवं संबंधित सभी विभागीय अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया जा चुका है। अधिकारी की शिकायत प्रधान संगठन मोरी, पूर्व प्रधान जखोल, एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी कर चुके हैं।