उत्तराखंड में शराब के ठेकों पर आबकारी विभाग द्वारा कड़ी कार्यवाही के चलते शासन ने करोड़ों रुपए कमाए।
सीएम धामी के दिशा निर्देशों के चलते आबकारी विभाग ने ओवरराइटिंग करने वाले शराब के ठेकों पर जमकर कार्यवाही की,जिसके चलते ओवर रेटिंग करने वालों पर करोड़ों रुपए का जुर्मानाभी लगा।
आबकारी प्रदेश की आर्थिकी में खनन के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बन रहा है।
लेकिन वहीं दूसरी ओर इतनी कड़ी कार्यवाही के बावजूद भी ओवररेटिंग करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं, आज भी कई शराब के ठेके ऐसे हैं जो ओवररेटिंग किए बिना आपको शराब नहीं देंगे।
लेकिन फिर भी सीएम के नेतृत्व में आबकारी विभाग ने पारदर्शिता और कड़े अनुशासन के चलते ओवर रेटिंग और अन्य उल्लंघन के मामले में भारी अर्थदंड लगाए हैं।
प्रदेशभर में 195 ओवर रेटिंग प्रकरणों में 1,07,49,000 रुपये और 1203 अन्य उल्लंघन के मामलों में 40,81,800 का का जुर्माना लगाया गया। इसमें देहरादून में 74 ओवर रेटिंग मामलों में 45,25,000 का जुर्माना लगा। ऊधमसिंह नगर में नौ ओवर रेटिंग और 113 अन्य मामलों में 7,79,000 का जुर्माना लगा।
नैनीताल में 21 ओवर रेटिंग और 60 अन्य मामलों में कुल 26,93,500 रुपये, हरिद्वार में 19 ओवर रेटिंग और 262 अन्य मामलों में 14,96,800 का जुर्माना लगाया गया। अन्य जिलों में भी ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया गया।
आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल का कहना है कि प्रदेश भर में ओवर रेटिंग के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जो भी ओवररेटिंग करता पाया जाएगा उसे कड़ा जुर्माना भुगतना ही होगा।
साथ ही आबकारी आयुक्त का कहना है कि प्रदेश भर में अवैध शराब को लेकर भी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हुए हैं। प्रदेश में बाहर से अवैध रूप से आने वाली शराब,कच्ची शराब या देसी शराब यदि कहीं बेची जाएगी तो उस पर भी शिकंजा कसते हुए कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
अब देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले समय में आबकारी विभाग पूरी तरह से ओवररेटिंग के खेल पर लगाम लगा पाएगा या नहीं!