देहरादून। उत्तराखंड में आज से कैबिनेट की बैठकों के लिए ई मंत्रिमंडल प्रणाली लागू हो गई है। भविष्य में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में कागज की जगह अब ऑनलाइन प्रस्ताव बनकर जाएगा। गोपन विभाग ने ई मंत्रिमंडल के लिए पोर्टल तैयार कर दिया है। बैठक से संबंधित सामान्य सूचनाएं, स्थान और समय पोर्टल, एसएमएस और ईमेल के माध्यम से मंत्रिमंडल को अवगत करवाया जाएगा। प्रणाली का इस्तेमाल करने वालों का ई-अकाउंट होगा। इस पर सभी का लॉगइन आईडी तैयार की गई हैं। बैठक का कार्यवृत्त एवं निर्णयों को ऑनलाइन अपलोड और जारी किया जाएगा। मंत्रिमंडल की टिप्पणियां की केवल दो प्रतियां गोपन विभाग के लिए जारी होंगी, जबकि विभागों को डिजिटल स्वीकृतियां मिलेंगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में ई-मंत्रिमण्डल प्रणाली का शुभारम्भ किया। ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, पेपरलैस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना एवं संस्थागत मेमोरी को विकसित करना है। इसके प्रयोग से जहां पर्यावरण मित्र के माध्यम से कागज की बचत होगी, वहीं संस्थागत मेमोरी द्वारा पूर्व की कैबिनेट जानकारी को प्राप्त करना भी आसान होगा। ई-कैबिनेट, ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य मंत्रिमंडल की ई कैबिनेट की पहली बैठक के उपरांत शासकीय प्रवक्ता मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने डिग्री कालेजों में रिक्त प्रवक्ता के पदों पर 11 माह के लिए संविदा पर नियुक्ति का अध्किार संबंध्ति प्राचार्य को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि गन्ने की अगेली प्रजाति के लिए 327 तथा पछेदी के लिए 317 रुपए प्रति कुंटल समर्थन मूल्य को भी मंजूरी कैबिनेट ने दी है। बैठक में गंगा गाय महिला डेयरी का लाभ कॉपरेटिव के मेंबर के सभी सदस्यों को देने, महिलाओं को प्रथमिकता दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है। मंत्राी कौशिक ने बताया कि केदारपुरी में आपदा प्रभावितों के लिए भवन राज्य सरकार द्वारा बनाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि पहले सरकार ने सीसीआर से भवन निर्माण को मंजूरी दी थी। कैबिनेट ने मानसरोवर यात्रा के लिए उत्तराखंड वासियों को 25 हजार की जगह 50 हजार का अनुदान देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई है।