अनुज नेगी
देहरादून।
प्रदेश में आउटसोर्सिंग कर्मियों का शोषण किस कदर हो रहा है इसका उदहारण प्रदेश के बाल विकास विभाग में देखने को मिल रहा है।
प्रदेश को घोटाला उत्तराखंड में कहना अब उचित होगा चाहे UKSSSC घोटाला हो या विधानसभा घोटाला हो या फिर बात करें आउटसोर्स एजेंसियों के घोटाले की जिसमें उत्तराखंड का सबसे बहुचर्चित और बड़ा घोटाला ए स्क्वायर कंपनी द्वारा सामने आता है। जो प्रदेश का हमेशा सुर्खियों में रहने वाला विभाग महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का है बाल विकास विभाग के घोटालों को पर्वतजन लगातार पूरे साक्ष्यों के साथ में उठाते आया है। परंतु इस विभाग के अधिकारियों के कान में कोई जूं तक नहीं रेंगती।जाहे सता में बैठे मत्रियों व अन्य विधायकों हो,
आपको बातादें कि ए स्क्वायर द्वारा ठगे गए पैसों के लिए
पुराने आउटसोर्स कार्मिक दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। और अपनी शिकायतों को कभी पुलिस
विभाग में और अपने भ्रष्ट अधिकारियों के सामने शिकायत पत्र भेजते हैं परंतु उनकी सुनवाई करने को इस उत्तराखंड में कई नहीं है। हाल ही में कई कार्मिकों द्वारा अपने शिकायत पत्र पर्वतजन को भी भेजे गए हैं प्रदेश में उठाने को परंतु लगातार उठाने के बावजूद भी इन कार्मिकों की
धनराशि सिक्योरिटी मनी वापस कराने को विभाग तैयार नहीं है।लगातार अपना पल्ला झाड़ते नजर आता है खानापूर्ति के लिए
पत्र ए स्क्वायर कंपनी को भेज देता है।
अब तो प्रश्न विपक्ष पर भी उठने लगे हैं कि आखिर ए स्क्वायर कंपनी के घोटाले पर विपक्ष हमेशा चुप क्यों रहता है यह एक बड़ा प्रश्न उत्तराखंड के लिए बन चुका है अब देखना यह है कि इस विधानसभा सत्र में आउटसोर्स एजेंसियों ए स्क्वायर द्वारा किए गए इस घोटाले के खिलाफ विपक्ष द्वारा क्या रुख अपनाया जाता है।